कार्यकर्ताओं की बल्ले-बल्ले: विधायकों के नाम पर एक्स्ट्रा कोच में सफर करते हैं कार्यकर्ता

एसटी से अधिक रेलवे से सफर करना करते हैं पसंद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-07 09:26 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर में अधिवेशन के दौरान मुंबई से नागपुर व नागपुर से मुंबई जाने वाली कुछ गाड़ियों में एसी के अतिरिक्त कोच लगाये जाते हैं, जो विधायकों के नाम पर आरक्षित होते हैं। लेकिन इन कोच में विधायक के नाम पर कार्यकर्ता ही सफर करते हैं। इस बार भी गाड़ियों में अतिरिक्त कोच जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

हर गाड़ी में 10 से 15 प्रतिशत कोटा : अधिवेशन में महाराष्ट्र के सभी क्षेत्र से राजनेता आते हैं। इनके साथ उनके कार्यकर्ता भी आते हैं। इनके लिए रेलवे में सीट आरक्षित होती है। जानकारी के अनुसार प्रति गाड़ियों में 10 से 15 प्रतिशत कोटा के अलावा इनके लिए दुरंतो, सेवाग्राम व विदर्भ एक्सप्रेस एक्ट्रा कोच लगाया जाता हैं। आंकड़ों की बात करें तो गत वर्ष दिसंबर माह में 12106 विदर्भ एक्सप्रेस में 10 पीएनआर बने हैं। वही 12140 सेवाग्राम एक्सप्रेस में 6 पीएनआर बनाये गये हैं। इसी तरह 26 दिसंबर को जोड़ा गया 12140 सेवाग्राम एक्सप्रेस में जोड़े गये कोच में किसी ने भी सफर नहीं किया है। हालांकि इसकी टिकट का पैसा रेलवे की तिजोरी में भरा जाता है।

एसटी का साथ केवल नागपुर के भीतर : एसटी बसों से भी इनका कोई खास लगाव नहीं है। पुलिस वाले व बहुत छोटे कार्यकर्ताओं के अलावा कोई सफर नहीं करता है, लेकिन शहर के भीतर कार्यकर्ताओं को इसकी जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि हर साल 8 से 10 बसों को अधीवेशन के लिए बुक किया जाता है, जो रेलवे स्टेशन से एमएलए हॉस्टल व यहां से विधान भवन परिसर तक कार्यकर्ताओं को पहुंचाता है। इस साल 8 बसों को 56 रुपए प्रति किमी के अनुसार बुक किया गया है।


 

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