नागपुर: मकड़जाल में उलझता जा रहा है ऑनलाइन रेत बुकिंग सिस्टम, धड़ल्ले से हो रहा गोरखधंधा

  • रेत तस्कर व प्रशासन की मिलीभगत
  • रेत डिपो की ऑनलाइन प्रक्रिया को खुलेआम धता बताया जा रहा
  • रोजाना ट्रक मालिकों से करोड़ों रुपए की उगाही

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-18 14:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर| रेत तस्कर व प्रशासन की मिलीभगत से रेत डिपो की ऑनलाइन प्रक्रिया को खुलेआम धता बताते हुए भंडारा स्थित रेत घाटों से ऑनलाइन रेत बुकिंग के नाम पर रोजाना ट्रक मालिकों से करोड़ों रुपए की उगाही की जा रही है। बताया जा रहा भंडारा रेत घाटों से बड़े पैमाने पर रेत नागपुर में आ रही है। हालांकि भंडारा में भी रेत बिक्री के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई तो गई है, किंतु हकीकत में उल्टा हो रहा है। ट्रक मालिकों द्वारा ऑनलाइन रेत बुकिंग करने के बावजूद भंडारा रेत घाट से ऑनलाइन रेत बुकिंग के अलावा दस चक्का प्रति ट्रक 5 हजार रुपए अलग से लिए जा रहे है। इसके अलावा 12 व 16 चक्कों के अलग रेट है। ऑनलाइन बुकिंग भी घाटों के डिपो से ही की जा रही है। यहां रेत घाट मालिकों तथा भागीदार तीन सत्तारूढ़ नेताओं की मिलीभगत से पूरा नेटवर्क चलाए जाने की चर्चा जोरों पर है। उल्लेखनीय है कि, प्रति ट्रक 5 हजार रुपए के हिसाब रोजाना 150 से 200 ट्रकों की आवाजाही हो रही है, जो करीब 10 लाख के आसपास है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मोटी कमाई के चलते रेत माफिया आम आदमी ही नहीं, सरकारी योजनाओं का भी बंटाधार कर रहे हैं। फलस्वरूप नागपुर जिले के रेट डिपो को 15 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद आज तक ऑनलाइन रेत पोर्टल को जानबूझकर कर रोककर रखा गया है। जिसका खामियाजा जिले की आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। जिले के तीन बड़े नामी नेताओं के फेर में जिले में सत्तारूढ़ पार्टियों के खिलाफ असंतोष पनपने लगा है।

घाटों से रेत खरीदने के लिए सरकार द्वारा बाकायदा ऑनलाइन प्रक्रियाओं को अपनाया गया है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। जबकि भंडारा के रेत घाटों में पूरे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां घाट वाले ही ऑनलाइन रॉयल्टी निकालते है। 5 हजार रुपए प्रति ब्रास रेत बेची जा रही है। खरीददारों द्वारा सरकारी रेट की बात करने पर ‘जिसको शिकायत करना है कर लो’ की धमकी दी जा रही है। आखिर इतने बड़े पैमाने पर आधार कार्ड कहां से आए यह सवाल उभरने लगा है। घाट में ट्रक रेत भरने आते ही ऑनलाइन रॉयल्टी निकलनी पड़ती जिसके लिए आधारकार्ड होना अनिवार्य है। बावजूद भंडारा के रेट घाटों पर खरीददार के पास रॉयल्टी की जरूरत नहीं पड़ती। रेत घाट मालिकों के पास ही आधारकार्ड का जखीरा फर्जी हैं या असली यह जांच का विषय बना हुआ है। ऑनलाइन पोर्टल पर रेत बुकिंग करते समय खरीदार को एक ओटीपी आता है, उसके बाद ही बुकिंग सुनिश्चित होती है। ऐसे में रेत डिपो में तुरंत बुकिंग कर देना सरकार की ऑनलाइन प्रणाली को ठेंगा दिखाने वाला बड़ा रैकेट सक्रिय होने का कयास लगाया जा रहा है। गत वर्ष जिले में फर्जी ऑनलाइन रॉयल्टी प्रकरण ने तूल पकड़ते ही कई रेत माफिया अंडरग्राउंड हो गए थे। वहीं कुछ हवालात पहंुच गए। अब फर्जी आधार कार्ड के जरिए ओटीपी के नए फर्जीवाड़े की दस्तक दिखाई दे रही है।

बाइक पर चोरी का कोयला ले जा रहे 2 आरोपी पकड़ाए

उधर कन्हान पुलिस स्टेशन अंतर्गत टेकाडी रोड मोटरसाइकिल की सहायता से कोयला चोरी कर ले जा रहे 2 आरोपियों को धरदबाेचा। आरोपियों से करीब 480 किलो कोयला व मोटरसाइकिल सहित कुल 24 हजार 800 रुपए का माल जब्त किया गया। जानकारी के अनुसार फरियादी संतोष इंद्रसिंह यादव को 15 फरवरी की सुबह 9 बजे के करीब 2 युवक मोटरसाइकिल पर वेकोलि का कोयला चोरी कर ले जाने की जानकारी मिली। सूचना के आधार पर इंदर खदान के पीछे टेकाडी रोड पर जाकर देखा तो दो लोग मोटरसाइकिल पर कोयला लेते जाते हुए दिखाई दिए। फरियादी ने रोक कर पूछताछ की। आरोपी सुनील धनपत कश्यप, खदान नं. 6 निवासी अपनी मोटरसाइकिल क्रमांक एमएच-40, बी-1978 पर 3 बोरी कोयला तथा आरोपी अक्षय महेंद्र नागदेवे, गोंडेगांव निवासी अपनी मोटरसाइकिल क्रमांक एमएच-40, एम-1199 पर 3 बोरी कोयला ले जाते पाया गया। जब्त कोयला करीब 480 किलाे, कीमत 4 हजार 800 रुपए तथा दो मोटरसाइकिल कीमत 20 हजार रुपए ऐसा कुल 24 हजार 800 रुपए का माल जब्त किया गया। फरियादी की शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ कन्हान पुलिस स्टेशन में भादंवि की धारा 379, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। आगे की जांच पुलिस हवलदार जयलाल सहारे कर रहे हैं। कार्रवाई नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार, अपर पुलिस अधीक्षक रमेश धुमाल के मार्गदर्शन में कन्हान के थानेदार उमेश पाटील, पुलिस हवलदार जयलाल सहारे, पुलिस सिपाही कोमल खैरे आदि ने की।

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