विकास: नागपुर के गोरेवाड़ा जू में वन्यजीवों के लिए बनेगा वन हेल्थ सेंटर, 30 करोड़ का प्रस्ताव
- देश का पहला केंद्र होने का मिलेगा सम्मान
- राज्य सरकार को 30 करोड़ का प्रस्ताव भेजा
- टीकाकरण और संभावित बीमारियों पर होगा अनुसंधान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन्यजीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गोरेवाडा (डब्ल्यूआरटीसी) में वन्य जीवों के लिए \"वन हेल्थ सेंटर' बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार को 30 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। नागपुर में अगर यह सेंटर बनाने के लिए मंजूरी दी जाती है, तो इसे देश का पहला केंद्र होगा।
वनमंत्री ने भरी है हामी : वन्यजीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गोरेवाडा (डब्ल्यूआरटीसी) के संचालक डॉ. शिरीष उपाध्ये ने \"वन हेल्थ सेंटर' के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण में वन्यजीवों के महत्व और अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा के माध्यम से इसे संरक्षित करने के दायित्व को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर ने गोरेवाड़ा में वन्यजीव अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया है।
केंद्र में पहले कार्यरत मनुष्यबल का उपयोग करते हुए यहा \"वन हेल्थ सेंटर' शुरू किया जाए, तो वन्य जीव और पालतू जीवों के बीमारियों का निदान और उपचार किया जाएगा। इसके लिए सिर्फ उपकरणों की जरूरत है। इसलिए राज्य सरकार को 30 करोड़ रुपए प्रस्ताव भेजा गया है। हाल ही में हुई बैठक में वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी सेंटर के लिए हामी भरी है। गोरेवाड़ा में यह \"वन हेल्थ सेंटर' शुरू होता है, तो यह देश का ऐसा पहला सेंटर होगा जहां वन्य जीव, पालतू जीवों पर निदान, उपचार, टीकाकरण और संभावित बीमारियों पर अनुसंधान किया जाएगा।
70 प्रतिशत बीमारियां जंगल से आती हैं : डाॅ. शिरीश उपाध्ये ने बताया कि 70 प्रतिशत बीमारियां जंगल से आती हैं। मनुष्य को होने वाली बीमारियों का उपचार किया जाता है, लेकिन अधिकांश मामलों में बीमारियों का मूल खोजा नहीं जाता। बीमारियों का मूल खोजना जरूरी है। वन हेल्थ सेंटर में यह सारी चीजें खोजी जाएंगी। इससे मरे हुए वन्यजीवों के मृत्यु का कारण ढूंढा जाएगा। पालतू जीवों से मनुष्य को होने वाली बीमारियों का भी निदान किया जाएगा।
मेडिकल, मेयो से किया जाएगा एमओयू : डाॅ. उपाध्ये ने बताया कि इस सेंटर में मनुष्य को होने वाली बीमारियों का भी निदान किया जाएगा। इसके लिए टेक्नीशियन की जरूरत है। \"वन हेल्थ सेंटर' को मंजूरी मिलती है तो आने वाले समय में मनुष्य को होने वाली बीमारियों के निदान को लेकर मेडिकल, मेयो अस्पताल से एमओयू किया जाएगा।