जीवनदान: रक्षाबंधन को भैया ने दिया दो बहनाें काे जीवन, एक्सीडेंट से सिर पर लगी चोट, हुआ ब्रेन डेड

  • वाहन का संतुलन बिगडने से गिर पड़े
  • सिर पर लगी चोट से हुआ ब्रेन डेड
  • रक्षाबंधन पर दो बहनाें काे जीवन मिला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-19 15:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. रक्षाबंधन का त्योहार बहन-भाई के पवित्र रिश्ते त्योहार है। बहन भाई के हात में राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती है। इस दिन एक भैया के ब्रेन डेड होने से उसके अंगदान से दो बहनों समेत एक पुरुष को नया जीवन मिला है। ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की पहल पर यह संभव हो पाया है।

वाहन का संतुलन बिगडने से गिर पड़े

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पारडसिंगा स्थित गांव सतनुर निवासी 58 साल के भैया देरकर एक निजी कंपनी में सुपरवाइजर थे। परिवार में पत्नी बेबी व दो बच्चे है। 14 अगस्त को देरकर दोपहिया से लौट रहे थे। अचानक संतुलन बिगड़ने से वे नीचे गिर पड़े। उनके सिर पर गंभीर चोटें आयी। उन्हें नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। पांच दिन उपचार चला लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। उनके मस्तिष्क में अधिक रक्तस्त्राव होने का पता चला। उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद ब्रेन डेड होने की घोषणा की। अस्पताल की समन्वयक प्रीति जैन ने देरकर परिजनों को इसकी जानकारी दी व अंगदान के लिए समुपदेशन किया। परिजनों व बच्चों ने अंगदान की अनुमति देने के बाद विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिित को जानकारी दी। समिति ने अंगों की प्रतीक्षा कर रहे जरुरतमंद मरीजों की सूची के अनुसार प्रत्यारोपण की अनुमति दी। भैया देरकर का लिवर एक 49 साल के महिला मरीज पर, एक किडनी 57 साल की महिला मरीज पर और दूसरी किडनी 55 साल के पुरुष मरीज पर प्रत्यारोपित किया गया। यह नागपुर का 158 वां व इस साल का 28 वां अंगदान था।   

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