RSS: काशी-मथुरा मामले पर सरकार्यवाह ने कहा-हर बीमारी का इलाज समान नहीं होता है
- संघ चाहता है अल्पसंख्यक की कांसेप्ट पर पुनर्विचार
- सरकार्यवाह होसबाले का बयान
- हर बीमारी का इलाज समान नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। संविधान ने तय की अल्पसंख्यक की कांसेप्ट अर्थात संकल्पना पर पुनर्विचार की मांग राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने की है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है-दशकों से अल्पसंख्यक शब्द का उपयोग किया जा रहा है लेकिन अल्पसंख्क को लेकर स्पष्टता नहीं है। संघ के लिए मायनारिटिज्म अर्थात अल्पसंख्यकवाद ही अमान्य है। काशी-मथुरा में मंदिर की मांग के सवाल पर सरकार्यवाह ने कहा कि हर बीमारी का ईलाज समान नहीं होता है। हर समस्या के समाधान के लिए आंदोलन भी समान नहीं होते हैं। काशी-मथुरा का मामला न्यायालय में चल रहा है। रविवार को पत्रकार वार्ता में होसबाले बोल रहे थे। संघ के रेशमबाग स्थित स्मृति भवन में 15 मार्च से चल रही प्रतिनिधि सभा चल रही है। शनिवार की रात को होसबाले को दोबारा सरकार्यवाह चुना गया। संघ कार्यों की जानकारी देते हुए सरकार्यवाह ने कहा कि संघ में पदाधिकारियों की संख्या बढ़ रही है। केरल में ईसाई व मुंबई में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों के साथ संघ पदाधिकारियों की बैठक हुई। अल्पसंख्यक माने जानेवाले वर्ग के लोग संघ से जुड़ने के उत्सुक है। संघ का द्वार सभी के लिए खुला है।
आवाहन
लोकसभा चुनाव में सभी से आवाहन है कि 100 प्रतिशत मतदान करें। किसी तरह का भेदभाव न रखें। लोकतंत्र के पर्व को सफल बनाना भी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। वैमनस्य, बिखराव व देश के विपरित बात न होने दें। संघ के पंच परिवर्तन अभियान में सहयोग दें। पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य पालन के अभियान के भागीदार बनें।
पंजाब में दोहरा संकट
पंजाब में अलगवाद व आतंकवाद का दोहरा संकट दिख रहा है। किसान आंदोलन में अराजकता देखने को मिली। स्थिति को डिस्टर्ब करने का प्रयास दिख रहा है। किसान आंदोलन में किसान के पक्ष में कम बातें हुई।
इलेक्ट्रोल बांड एक प्रयोग
इलेक्ट्रोल बांड एक प्रयोग है। पहले भी इस तरह के प्रयोग होते रहे हैं। कोई भी परिवर्तन होता है तब 4-5 सवाल भी उठने लगते हैं। ईवीएम पर भी सवाल उठाए गए। ऐसे में यह कहना पूरी तरह से ठीक नहीं होगा कि इलेक्ट्रोल बांड का प्रयोग अनुचित है।
मणिपुर का घाव
मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। घाव थोड़ा गहरा है। संघ ने मैतेयी व कुकी समुदाय के लोगों से चर्चा कर सामाजिक सदभाव बनाए रखने का प्रयास किया।
जनता देगी विश्लेषण
मोदी सरकार के 10 वर्ष पर अलग से विश्लेषण करने की आवश्यकता नहीं है। देश का सम्मान बढ़ा है। 25 देशों के अर्थशास्त्रियों ने भारत की अर्थव्यवस्था की प्रशंसा की है। 4 जून को लोकसभा चुनाव का जो नतीजा आएगा वह ही सरकार के कार्य का विश्लेषण होगा।
कामन यूनिफार्म कोड
कामन यूनिफार्म कोड के समर्थन में संघ ने पहले ही प्रस्ताव पारित किया है। देश के लिए यह आवश्यक है। लेकिन कुछ मामलों पर अभी पूरी चर्चा नहीं हो पायी है। जनजातीय क्षेत्र में यह व्यवस्था फिलहाल लागू नहीं कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता में संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर उपस्थित थे।