शोभायात्रा का आकर्षण: हर रामनवमी पर महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में साकार होती है अयोध्या नगरी

  • हर रामनवमी को अयोध्या साकार
  • शहर को झंडे, लाइटिंग व पताकाओं से सुसज्जित होता
  • लाखों लोग इस शोभायात्रा काे देखने आते हैं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-22 12:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दैनिक भास्कर नागपुर के सवन्मय संपादक आनंद निर्बाण ने बताया कि उपराजधानी में हर रामनवमी को अयोध्या साकार होती है। भव्य शोभायात्रा के साथ शहर को झंडे, लाइटिंग व पताकाओं से सुसज्जित किया जाता है और आसपास के इलाकों से लाखों लोग इस शोभायात्रा काे देखने आते हैं। एक तरह से सर्वधर्म, समभाव का नजारा यहां देखने को मिलता है।


यथा नाम तथा गुण

शोभायात्रा के मुख्य प्रणेता श्री पोद्दारेश्वर राम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रस्टी रामकृष्ण पोद्दार एक धर्म परायण एवं मर्यादा का पालन करने वाले व्यक्ति हैं। श्री पोद्दार मधुर वाणी के साथ धार्मिक लेखन एवं सृजन में महारत रखते हैं। उनमें राम के मानवीय गुण एवं कृष्ण की चमत्कारिक प्रबंध क्षमता देखने को मिलती है।

मध्य भारत में आकर्षण का केंद्र, श्रीराम जन्मोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत 1923 में हुई और उसका स्वरूप निरंतर परिवर्तित होता रहा है। श्री पोद्दारेश्वर राम मंदिर के तत्वावधान में इस शोभायात्रा में नगर की धर्मप्रेमी जनता, रामायण मंडल, सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठन बढ़-चढ़ भाग लेते रहे हैं। शोभायात्रा में हर कोई तन-मन-धन से यथाशक्ति सहयोग करता है। यह शोभायात्रा मुख्यत: मध्य एवं पूर्व नागपुर के प्रमुख इलाकों में भ्रमण कर वापस श्री पोद्दारेश्वर राम मंदिर पहुंचती है।


चैत्र नवरात्र के सूर्याेदय पूर्व, पहले दिन से रामनवमी तक, श्रीराम नाम का महामंत्र एवं संकीर्तन इस शोभायात्रा से जुड़ा है। श्रीराम नाम जय राम जय-जय राम- यह महामंत्र है। 56 वर्ष पूर्व नागपुर के धर्मप्रेमियों ने एक बैठक में यह निर्णय लिया था कि भगवान राम के पुरुषोत्तम अवतार का दिग्दर्शन जन-जन तक पहुंचे। इसलिए हर रामनवमी को एक शोभायात्रा निकाली जाए और इसका केंद्रबिंदु श्री पोद्दारेश्वर राममंदिर को रखा जाए। इस मंदिर के प्रबंध ट्रस्टी रामकृष्ण पोद्दार शोभायात्रा का कुशल संयोजन पहले दिन से ही करते आ रहे हैं।

भगवान के श्रीविग्रह का रथ श्रद्धालुओं द्वारा खींच कर चलाया जाता है। सुहागिनें सिर पर कलश रख कर शोभायात्रा में चलती हैं। करीब 100 से अधिक झांकियां, जिसमें स्वचालित झांकियां भी रहती हैं, लोगों का मनोरंजन व ज्ञानवर्धन करती हैं। भांगडा, गिद्दा और गुरुवाणी के साथ यह शोभायात्रा प्रेम और सद्भाव का संदेश देती है। सभी जाति, पंथ व धर्मों के लोग इसका मार्ग सुशोभित करते हेैं।

शोभायात्रा जब मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजरती है, तो वे इसका स्वागत करते हैं। पुष्पवर्षा कर अपनत्वपूर्ण भाईचारे का संदेश देते हैं। यह शोभायात्रा एकबारगी ऐसा आभास देती है, मानो अयोध्या आकर नागपुर में साकार हो गया है। सर्वधर्म समभाव, राष्ट्रीय एकता व पारस्परिक सहिष्णुता की पहचान बन चुकी इस शोभायात्रा की लोग आतुरता से प्रतीक्षा करते हैं।


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