एनसीपी के गुटों का शक्ति प्रदर्शन, राज ठाकरे ने कहा - महाराष्ट्र की सियासत में तख्तापलट करना सिखाया, अब खुद वही फसल काट रहे हैं शरद पवार

  • अजित पवार की बैठक में एनसीपी के 35 विधायक और पांच एमएलसी शामिल
  • शरद पवार गुट की बैठक में 13 विधायक, तीन एमएलसी और पांच सांसद भी मौजूद थे
  • राज का पवार पर निशाना - महाराष्ट्र की सियासत में तख्तापलट करना सिखाया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-05 12:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में फूट के बाद शरद पवार और अजित पवार गुट ने अपने अपने तरीके से शक्ति प्रदर्शन किया। दोनो गुटों के नेताओं की ओर से बैठक बुलाई गई थी। जिसमें शरद पवार और अजित पवार गुट के एनसीपी विधायकों और सांसदों की मुंबई में बैठक हुई। इस दौरान अजित पवार ने कहा कि मैं जो भी हूं पवार साहब की वजह से ही हूं। पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता था, हालांकि सुप्रिया सुले ने कहा मेरे पिता मुझसे ज्यादा आपके हैं।

अजित पवार की बैठक

अजित पवार की बैठक में एनसीपी के 35 विधायक और पांच एमएलसी शामिल होने का दावा किया जा रहा है।

शरद पवार गुट की बैठक

बताया जा रहा है कि शरद पवार गुट की बैठक में 13 विधायक शामिल हुए थे। इसके अलावा बैठक में तीन एमएलसी और पांच सांसद भी मौजूद थे।

अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लाहामाटे, प्राजक्त तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, चेतन विट्ठल, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप और देवेंद्र भूयर बैठक में शामिल हुए थे। 

बुधवार को होने वाली दोनों गुटों की बैठक के लिए दोनों गुटों ने व्हिप जारी किया था। शरद पवार गुट के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने व्हिप जारी कर पार्टी के सभी विधानसभा सदस्यों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा था। वहीं अजित पवार गुट के मुख्य सचेतक अनिल पाटील ने भी पार्टी के विधायकों को बैठक में हाजिर होने का आदेश दिया था।

राज ठाकरे का निशाना

उधर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कहा कि इन घटनाक्रमों के पीछे आश्चर्य नहीं होगा अगर बाद में यह पता चला कि सीनियर पवार खेल का हिस्सा थे।

राज ने कहा कि शरद पवार ने महाराष्ट्र की सियसत में तख्तापलट करना सिखाया था अब वे खुद वही फसल काट रहे हैं, जो कभी उन्होंने बोई थी। पुणे में उन्होंने कहा था राज्य में जो हुआ वह बेहद घृणित है, यह महाराष्ट्र के मतदाताओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है।

अतीत

1978 में शरद पवार ने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेसी वसंतदादा पाटिल की सरकार को गिरा दिया था।

अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटील और हसन मुश्रीफ सहित 9 विधायकों ने बगावत कर राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन देकर सरकार में मंत्री बन गए थे। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और बाकी 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। राकांपा में हुई फूट के बाद शरद पवार ने इन सभी विधायकों का साथ देने वाले सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से बाहर निकाल दिया था, लेकिन विधायकों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया।

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