नागपुर: फंक्शनल एमआरआई तकनीक से होगी अब मस्तिष्क पर रिसर्च, मिलेगी अहम जानकारी
- मेडिकल अस्पताल में मनोरोग विभाग के स्नातकोत्तर में दिया विषय
- क्रिया व प्रतिक्रयाओं की मिलेगी जानकारी
- हफ्ते में एक दिन रिसर्च
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विश्व भर के चिकित्सा क्षेत्र में रोज नए बदलाव हो रहे हैं। अत्याधुनिक तकनीक के साथ नए-नए रिसर्च होने लगे हैं। रिसर्च के परिणाम के आधार पर उपचार पद्धतियां विकसित हो रही हैं। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में भी समय-समय पर अलग-अलग विषयों को लेकर शोध होते रहते हैं। यहां के मनोरोग विभाग द्वारा फंक्शनल एमआरआई पर रिसर्च शुरू किया जाने वाला है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मार्गदर्शन में स्नातकोत्तर के विद्यार्थी यह रिसर्च करेंगे।
क्रिया व प्रतिक्रयाओं की मिलेगी जानकारी
विभाग प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. मनीष ठाकरे ने बताया कि अब एमआरआई की नई पद्धति विकसित हो चुकी है। इसे फंक्शनल एमआरआई कहा जाता है। वर्तमान में जो एमआरआई मशीन है, उसी की मदद से फंक्शनल एमआरआई रिसर्च होगा। पहली बार व्यक्ति के मस्तिष्क का फंक्शनल एमआरआई पर लक्ष्य केंद्रित किया जाने वाला है। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति को शराब की लत है, तो शराब देखते ही संबंधित व्यक्ति के मस्तिष्क में क्या क्रियाएं व प्रतिक्रयाएं होती है, मस्तिष्क का कौन-सा हिस्सा कम या ज्यादा प्रभावित होता है, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की स्थिति कैसी बदलती है आदि की जानकारी रिसर्च में सामने आएगी।
फंक्शनल एमआरआई में सारी जानकारी स्कैन होकर उसका ब्योरा मिलेगा। शराब पीने से मनोरोग होने पर फंक्शनल एमआरआई की रिपोर्ट के आधार पर व्यक्ति के उपचार की दिशा तय की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित व्यक्ति के उपचार के लिए समुपदेशन जरूरी है या दवाएं देकर उसके स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है, इसका निर्णय लेने में आसानी होगी।
हफ्ते में एक दिन होगा रिसर्च
मनोरोग विभाग अंतर्गत स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को फंक्शनल एमआरआई पर रिसर्च कर पेपर्स तैयार करने के लिए मार्गदर्शन किया जा रहा है। जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी। विद्यार्थियों को शुरुआत में एक ही विषय दिया गया है, ताकि इस पर पूरी तरह लक्ष्य केंद्रित कर इसके सार्थक परिणाम मिल सके। इसके बाद समयानुसार अलग-अलग विषय देकर फंक्शनल एमआरआई के माध्यम से रिसर्च के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा। डॉ. ठाकरे ने बताया कि फंक्शनल एमआरआई के लिए मरीज को एफ्ते में एक दिन बुलाया जाएगा। इस दिन करीब दो घंटे तक रिसर्च किया जाएगा।