नागपुर: रितू मालू काे नोटिस, गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहुंची कोर्ट, 18 जुलाई तक जवाब दायर के आदेश
- रामझूले पर दो लाेगों को कार से कुचलने का मामला
- गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहुंची कोर्ट
- 18 जुलाई तक करना होगा जवाब दायर
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचलने के मामले की आरोपी रितिका उर्फ रितू दिनेश मालू को गिरफ्तार करने की अनुमती के लिए तहसील पुलिस ने जिला व सत्र न्यायालय में अर्जी दायर की है। इस मामले में सोमवार को न्या. एस. यू. हाके के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने रितू मालू को नोटिस जारी करते हुए 18 जुलाई तक जवाब दायर करने के आदेश दिए है। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के 2 जुलाई और 9 जुलाई के फैसले को तहसील पुलिस ने जिला न्यायालय में चुनौती दी है।
इस मामले में पहले तहसील पुलिस ने घातक दुर्घटना का मामला दर्ज कर रितू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। लेकिन बाद में उनके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए रितू ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। पहले जिला व सत्र न्यायालय और उसके बाद हाईकोर्ट ने भी रितू मालू की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की।
इसके चलते मालू ने 1 जुलाई को तहसील पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया। परिणाम स्वरूप, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पीसीआर के लिए प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश किया था। लेकिन 2 जुलाई को कोर्ट ने मालू की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और उसकी रिहाई का आदेश दिया। पुलिस द्वारा नए जोड़े गए संज्ञेय अपराधों में मालू को गिरफ्तार करने के लिए पहले इस अदालत की अनुमति लेना कानूनन अनिवार्य था। हालांकि, इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसका फायदा मालू को दिया गया।
पुलिस ने फिर से उसी कोर्ट में इसी मांग को लेकर फिर अर्जी दायर की थी। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी ने 9 जुलाई को पुलिस की यह अर्जी फिर से खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि, यह न्यायालय ट्रायल कोर्ट होने के कारण अपने आदेश को वापस नहीं ले सकता या उसकी समीक्षा नहीं कर सकता। यदि ऐसा किया जाता है, तो यह कानून के विरुद्ध होगा। इस आधार पर कोर्ट ने यह अर्जी खारिज की थी। इसलिए तहसील पुलिस ने अब प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के 2 जुलाई और 9 जुलाई के फैसले को जिला व सत्र न्यायालय में चुनौती दी है। इस अर्जी पर सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने रितू मालू को नोटिस जारी करते हुए जवाब दायर करने के आदेश दिए है। राज्य सरकार की ओर से एड. रश्मी खापर्डे ने पैरवी की।