अंबाझरी बांध: 2000 से पहले का रिकार्ड ही नहीं, हाईकोर्ट में मनपा आयुक्त का शपथ - पत्र
- नागपुर खंडपीठ में अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका
- पिछले साल सितंबर में इस परिसर में बाढ़ आई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर है। इस मामले में कोर्ट ने अंबाझरी स्थित विवेकानंद स्मारक स्थापित करने से पहले और बाद की स्थिति का ब्यौरा देने का मनपा और नासुप्र को आदेश दिया था। इसके चलते सोमवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में मनपा आयुक्त ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि, मनपा के पास उपलब्ध कार्यालय रिकार्ड में 2000 से पहले अंबाझरी स्पिल वे और टेल चैनल के माप उपलब्ध नहीं है। इसलिए मनपा ने 2000 से पहले और उसके बाद के वर्षों के मापों के बारे में तथ्यों और आंकड़ों का पता लगाने के लिए महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर से संपर्क किया है।
मनपा, नासुप्र और महामेट्रो इन तीनों प्रशासनों ने अंबाझरी व नाग नदी परिसर में किया हुआ निर्माण गलत है। इस कारण पिछले साल सितंबर में इस परिसर में बाढ़ आयी और हजारों लोगो को नुकसान सहना पड़ा। इसलिए मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए नुकसानग्रस्त रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड, नत्थुजी टिक्कस इन नागरिकों ने नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी तालाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माणों पर सवाल उठाया गया है। पिछली सुनवाई में राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने राज्य के नगर रचना विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दायर शपथ-पत्र की जानकारी देते हुए विवेकानंद स्मारक और नाग नदी का हाइड्रोलिक का अध्ययन एवं रिपोर्ट तैयार करने के लिए 7 महीने का अवधी देने का कोर्ट से अनुरोध किया था, कोर्ट ने मनपा और नासुप्र को विवेकानंद स्मारक स्थापित करने के पहले और बाद में अंबाझरी बांध व प्रवाह की स्थिति के बारे में जानकारी पेश करने के आदेश दिए थे।
मामले पर सोमवार हुई सुनवाई में मनपा आयुक्त ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि, 2000 से पहले अंबाझरी स्पिल वे और टेल चैनल के माप का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। साथ ही मनपा के पास बांध इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ कर्मचारी नहीं होने की भी बात रखी। कोर्ट ने प्रतिवादियों द्वारा दायर शपथ-पत्र रिकार्ड पर लिए और मामले पर गुरुवार को सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।
नासुप्र ने कहा 500 मीटर तक ही हमारा क्षेत्र
कोर्ट के आदेश के अनुसार नासुप्र ने भी सोमवार को अपना शपथ-पत्र दायर किया। शपथ-पत्र में नासुप्र ने कहा कि, अंबाझरी बांध का टेल चैनल यानी नाग नदी, जिसमें क्रेजी कैसल भी शामिल है, उसके मुहाने से 500 मीटर की सीमा तक हमारे अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके अलावा नाग नदी की चौड़ाई 1976 और 2001 की विकास योजना के अनुसार 11 मीटर (लगभग) होने की जानकारी दी।