हैरानी: बाढ़ में मर गए थे महाराजबाग के 15 हिरण, रिकार्ड में सिर्फ 4 दर्ज
मृतक हिरणों में ब्लैक बक यानी काले प्रजाति के 11 हिरणों का भी समावेश
अभय यादव, नागपुर। पिछले कुछ साल से फिल्म अभिनेता पर काले चिंकारा के अवैध शिकार का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। बेहद लुप्त प्राय: प्रजाति में शुमार होने वाला काला चिंकारा अब उपराजधानी में भी चर्चा का विषय बन गया है। गत 22 सितंबर की देर रात आसमानी संकट में जनजीवन पूरी तरह से बिखर गया था। सरकार और प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाके और नागरिकों को राहत देने के लिए तमाम प्रयास आरंभ कर दिए, लेकिन इस आपाधापी में महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में 15 बेजुबान हिरणों की मौत के बारे में किसी को कानों-कान तक खबर नहीं हो पाई।
प्रशासन के रिकार्ड से हैरानी : अंबाझरी तालाब से निकले पानी के उफान ने बाढ़ का रूप ले लिया, जिसके चलते महाराजबाग प्राणी संग्रहालय के 15 हिरनों की जान चली गई। आपदा के समय इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अधिकारियों की थी। हैरानी यह कि प्रशासन के रिकार्ड में केवल 4 हिरणों की मौत का आंकड़ा दर्ज होने की जानकारी सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक ऑडियोे क्लिप ने महाराजबाग के प्राणी संग्रहालय में हिरणों की मौत की पोल खोल दी है। प्राणी संग्रहालय के एक प्रभारी अधिकारी 4 हिरणों की मौत की बात कर रहे, जबकि प्रमुख अधिकारी 15 हिरणों की मौत के आंकड़े बता रहे हैं। प्रमुख अधिकारी की बात बताने पर प्रभारी अधिकारी ने चुप्पी साध ली और कहा कि आप साहब से ही पूरी जानकारी ले लो।
क्या है मामला : सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें प्रमोद नरड नामक व्यक्ति ने महाराजबाग में हिरणों की मौत के बारे में महाराजबाग प्राणी संग्रहालय के प्रमुख अधिकारी डॉ. सुनील बाविस्कर से बातचीत करने का दावा किया है। नरड महाराजबाग स्थित आरोग्य आसन मंडल के अध्यक्ष के पद पर भी हैं। ऑडियो क्लिप में जिक्र किया जा रहा है कि गत सितंबर माह में नागपुर में आई बाढ़ में कितने हिरणों की मौत हुई और उनका क्या किया गया? तब डा बाविस्कर कह रहे हैं कि 4 हिरण को दफना दिया गया, जिनकी बाढ में मौत हुई थी। महाराजबाग के अंदर 15 िहरणों की मौत होने की जानकारी के बारे में डॉ. बाविस्कर से पूछने पर उन्होंने कहा कि यह सच है, 4 हिरन के अलावा 11 काले प्रजाति के हिरणों की भी मौत हुई थी।
25 हिरणों की मौत की चर्चा : ऑडियो में हिरणों की मौत के बारे में बात करने वाले नरड से डॉ. बाविस्कर कह रहे हैं कि यह प्राकृतिक आपदा थी, सभी को पता है। बाढ़ में करीब 25 हिरणों की मौत होने की चर्चा है। आखिर महाराजबाग के हिरणों की मौत को करीब सवा दो माह तक क्यों छिपाकर रखा गया। बहरहाल, जानकारी के अनुसार बाढ़ में मरे हिरणों को महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में ही हिरनों के बाड़े में ही दफनाया गया है।
गुत्थियों में उलझा सच : संतरानगरी में महाराजबाग प्राणी संग्रहालय की अपनी एक अलग पहचान है। इसे शहर के भोंसले और मराठा शासकों के बगीचे में बनाया गया है। यह चिड़ियाघर भारतीय केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अंतर्गत आता है। यह नागपुर में पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ की भूमि पर बना है। हिरणों की मौत का मामला सामने आ जाने से संग्रहालय के अधिकारियों के बीच अफरा- तफरी सी मच गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर अधिकारियों में कौन सच और कौन झूठ बोल रहा है। डॉ. बाविस्कर लंबे समय से महाराजबाग के प्राणी संग्रहालय में प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं। उनका तबादला किए जाने के बाद दोबारा फिर से वह इस संग्रहालय में पदस्थ हैं।
जितनी मौत हुई सब ऑन रिकार्ड है : महाराजबाग के प्राणी संग्रहालय में जितने भी हिरणों की मौत हुई है, वह सब ऑन रिकार्ड है। यह सच है कि बाढ में 4 हिरणों की मौत हुई है। इसी दौरान 11 काले प्रजाति के हिरणों की मौत भी हुई थी। ड्यूटी पर ज्वाइन होने के बाद हिरणों की मौत के बारे में अपडेट लेता हूं। -डॉ. सुनील बाविस्कर, प्रमुख अधिकारी, महाराजबाग प्राणी संग्रहालय नागपुर
जनवरी से सितंबर तक हिरणों का रिकार्ड : प्राणी संग्रहालय के प्रभारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास जनवरी से मार्च तक 35 हिरण रिकार्ड पर थे, जिसमें 10 नर, 23 मादा और दो बच्चे शामिल थे। अप्रैल से लेकर सितंबर माह तक 35 की जगह अब उनके पास रिकार्ड में 31 हिरण हैं, जिसमें 4 हिरणों की मौत बाढ़ में होने की जानकारी दी है। अगर 15 हिरणों की मौत हुई है और रिकार्ड पर केवल 4 की मौत का जिक्र है तो 11 हिरण वह भी काले प्रजाति के, इनका जिक्र न किए जाने के पीछे क्या कारण हो सकता है। यह तो इस विभाग के अधिकारी ही जानें।