कोर्ट में सेंध: 9 रजिस्ट्री और 6 एग्रीमेंट पुलिस को सौंपे जिसमें हड़पी गई प्रॉपर्टी पत्नी के नाम कर दी
- जगदीश जैस्वाल गैंग के खिलाफ पीड़ित नए सबूत लेकर हुड़केश्वर पुलिस के पास पहुंचे
- ममता जैस्वाल के पास करीब 50 करोड़ की संपत्ति
- बिना कुछ काम किए करोड़ों की मालकिन बनने पर उठ रहे सवाल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जगदीश जैस्वाल की गैंग द्वारा कोर्ट में फर्जी कागजों का सहारा लेकर संपत्तियां हथियाने के मामले में राेज चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। इस गैंग से पीड़ित लोग बुधवार को हुड़केश्वर थाने में कुछ नए सबूत लेकर पहुंचे। इसमें जगदीश जैस्वाल के द्वारा हेरा-फेरी कर हड़पी गई दूसरों की संपत्तियों की जानकारी एक लिखित पत्र के माध्यम से दी, इसमें खास बात यह है। शिकायत के अनुसार जगदीश जैस्वाल और उनके पार्टनर रंजीत सारडे ने मिलकर गरीबों की जमीन हथियाई। इसका मोडस ऑपरेंडी है। इससे जुड़ी जानकारी दी गई है। हुड़केश्वर थाने की पीआई शुभांगी देशमुख ने अपनी जांच में इसे शामिल करने का आश्वासन दिया। हालांकि, उनके कारनामे और सबूत देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।
पत्नी के नाम करीब 50 करोड़ की संपत्ति के रिकॉर्ड सौंपे : जैस्वाल गैंग से पीड़ितों ने बुधवार को पुलिस को जो सबूत सौंपे उसे देखकर पुलिस भी आश्चर्य चकित हो गई। जगदीश ने कैसे गरीबों को कोर्ट-कचहरी में फंसाकर उनकी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम कर दी, इसकी जानकारी दी गई। इसके सबूत के तौर पर 9 रजिस्ट्री और 6 एग्रीमेंट पुलिस को सौंपे। वर्तमान में इनका बाजार मूल्य करीब 50 करोड़ है।
अधिकांश संपत्ति एक्स पार्टी जजमेंट की हैं : पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि, इसमें अधिकांश संपत्ति एक्स पार्टी मतलब एक तरफा फैसलों की है। जिसमें मूल संपत्तिधारक को पता भी नहीं चला। जगदीश जैस्वाल की तरफ से रंजीत सारडे वकील के रूप में थे, तो दूसरी तरफ उन्हीं के परिचित वकील दूसरे पक्ष से खड़े हुए थे। फिर दोनों ही वकील अपनी-अपनी पार्टियों की तरफ से समझौता कर लेते हैं और संपत्ति जगदीश जैस्वाल की पत्नी ममता जैस्वाल के नाम हो जाती है। सभी में लगभग एक जैसा ही तरीका है।
जो गृहिणी कुछ काम नहीं करती, उसके पास करोड़ों की प्रॉपर्टी कैसे आ गई : पीड़ितों ने बताया कि, जहां एक ओर जगदीश जैस्वाल ने दूसरों की करोड़ों रुपए की संपत्ति हथियाई, वहीं उसमें से कुछ अपनी पत्नी ममता जैस्वाल ने खरीदना बताया। ममता 8वीं पास है और एक गृहिणी है। उसके पास करोड़ों रुपए कैसे आ गए? इस पर भी सवाल उठाए गए हैं। अधिकांश संपत्ति कैश में खरीदना बताई।
हमने सबूत सौंप दिए हैं, अब पुलिस को काम करना है : जैस्वाल गैंग से पीड़ित निशांत पोहनेकर, प्रकाश कोलारकार और तरुण कुमार पारधी ने बताया कि, हुड़केश्वर थाने में दर्ज एफआईआर क्रमांक 957/2023, जो एक माह पहले दर्ज हुई है। इसमें जगदीश और रंजीत कैसे काम करते हैं, इसका प्रकरण में उल्लेख है। इन्हीं के कारनामों के कुछ सबूत हमें मिले थे, जिसमें 9 रजिस्ट्री और 6 एग्रीमेंट हैं। यह हमने बुधवार को हुड़केश्वर थाने की पीआई शुभांगी देशमुख को सौंप दिए हैं। उन्होंने इस मामले की जांच में इन्हें अहम मानते हुए शामिल करने का आश्वासन दिया है।