लूटपाट: नागपुर-जबलपुर रिंग रोड पर गवसी-मानापुर गांव के पास ट्रैवल्स कर्मियों से 4.38 करोड़ लूटे
- कंपनी के दो कर्मचारी रकम लेकर कार से जा रहे थे
- 12 घंटे बाद हिंगना थाने में की गई शिकायत
- पुलिस कर रही जांच पड़ताल
डिजिटल डेस्क, हिंगना ( नागपुर) । गुजरात की आदी ट्रैवल्स कंपनी के दो कर्मचारी चार पहिया वाहन में नकदी 4 करोड़ 38 लाख रुपए लेकर जा रहे थे। नागपुर- जबलपुर रिंग रोड मार्ग पर गवसी मानापुर गांव के पास अज्ञात आरोपी चार पहिया वाहन को रुकवाते हुए नकदी लूटकर फरार हो गए। वे हथियारों से लैस थे। सूचना मिलने पर हिंगना पुलिस मौके पर पहंुची। छानबीन शुरू है। घटना 30 जनवरी की रात करीब 10 बजे हुई। मामले की शिकायत करीब 12 घंटे बाद हिंगना थाने में दर्ज कराई गई।
दोनों कारों में सात अज्ञात लोग थे : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात स्थित आदी ट्रैवल्स कंपनी के कर्मचारी परमार कल्पेश झिलुजी (48) आंबेडकरनगर लकड़गंज नागपुर व जयेश पटले (26) काचोर, अहमदाबाद ( गुजरात) निवासी घटना की रात चार पहिया वाहन (क्रमांक एम पी 09 जेड के -0541) में कंपनी की 4 करोड़ 38 लाख रुपए नकदी लेकर नागपुर से नासिक जा रहे थे। इस दौरान उनकी चार पहिया वाहन का इनोवा व स्विफ्ट कार ने पीछा करना शुरू किया। दोनों कारों में करीब 7 अज्ञात लोग सवार थे। नागपुर जबलपुर रिंग रोड पर गवसी-मानापुर गांव के पास पुल के समीप कंपनी के कर्मचारियों के चार पहिया वाहन को उन्होंने रोक लिया। लुटेरों ने उनके वाहन के सामने एक कार खड़ी कर दी और दूसरी कार को पीछे रोक दिया। घबराकर परमार और जयेश ने वाहन को रोक दिया। वाहन रुकने के बाद दोनों कारों में सवार लुटेरों ने उनकी कार से नकदी 4 करोड़ 38 लाख रुपए वाली बैग धमकी देकर छीन लिया और फरार हो गए।
रात भर वहीं रुके रहे : घटना के बाद कंपनी के दोनों कर्मचारियों ने कार को कोतेवाडया के पास इम्पेरियल सिटी के समीप रोक दिया। जगह नई होने के कारण वह रात भर उसी जगह पर रुके रहे। 31 जनवरी को सुबह करीब 10.30 बजे परमार ने घटना की जानकारी हिंगना पुलिस को दी। थानेदार विशाल काले सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त मुमक्का सुदर्शन, पुलिस परिमंडल 1 के उपायुक्त डॉ. अनुराग जैन व अन्य अधिकारी भी पहुंचे। घटनास्थल का पुलिस ने पंचनामा किया। हिंगना थाने में अज्ञात लुटेरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले की जांच थानेदार विशाल काले के मार्गदर्शन में जारी है।
इसलिए कर्मचारियों पर ही शक : घटना के बाद कंपनी के दोनों कर्मचारी करीब 12 घंटे तक घटनास्थल के पास ही रुके रहे। इससे कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। चर्चा है कि घटना के बाद वह पुलिस थाने क्यों नहीं पहुंचे। पुलिस दोनों कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है।