आज से नवतपा हो गया शुरु - सावधानी बरतें, 43 डिग्री पहुंचा तापमान

  • विदर्भ व मध्य भारत में नवतपा का विशेष महत्व
  • पंचांग अनुसार ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करती है
  • विदर्भ में 10 से 15 जून तक मानसून आता

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-25 13:00 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ व मध्य भारत में नवतपा का विशेष महत्व है। गुरुवार 25 मई से 2 जून तक नवतपा रहेगा। माना जाता है कि इन नौ दिनों में तापमान सर्वाधिक रहता है। बुधवार को इसका अहसास भी हुआ। गर्म लपटों ने दोपहर में खूब सताया। अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हालांकि मौसम विभाग की मानें तो इस बार नवतपा में तापमान में बहुत अधिक बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। इस दौरान तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बने रहने की संभावना है। हालांकि अगले पांच दिन आसमान पूरी तरफ साफ रहेगा, जिससे गर्म थपेड़ों का सामना करना पड़ सकता है। नागरिकों को इस दौरान सतर्कता बरतनी होगी। गुरुवार और शुक्रवार को दोपहर बाद हल्के बादल छाए रहने की भी संभावना है।

मान्यता इस तरह है

पंचांग अनुसार ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करती है। इस समय सूर्य 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं। इसके शुरूआत नौ दिन सर्वाधिक तापमान रहने की धारणा है। इन नौ दिनों को नवतपा के रूप में संबोधित किया जाता है। इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी रेखा में आती है, जिस कारण तापमान और गर्मी बढ़ती है। माना जाता है कि इस तापमान से समुद्र के पानी का बड़े पैमाने पर वाष्पीकरण होता है और मानसून अच्छा रहता है। अच्छे मानसून के लिए इन नौ दिनों में बारिश नहीं होने की भी कामना की जाती है।

मानसून देरी से

विदर्भ में 10 से 15 जून तक मानसून दाखिल होता है। इस बार केरल में मानसून के चार दिन देर से दाखिल होने का अनुमान केंद्रीय मौसम विभाग ने जताया है। इस कारण में विदर्भ में मानसून के देरी से आने की संभावना जताई गई है। हालांकि निश्चित तौर पर यह कहना मुश्किल है क्योंकि केरल में मानसून दाखिल होने के बाद वह तेजी से आगे बढ़ता है। ऐसे में एक संभावना में विदर्भ में समय पर मानसून आने की भी है।

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