आयोजन: गर्भाशय बचाने हिस्ट्रोस्कोपी पर परिषद
15 से 17 दिसंबर तक होगा कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्भाशय की बीमारियों के उपचार में गर्भाशय न निकालकर उसे बचाने का प्रयास करने के लिए 15 से 17 दिसंबर तक राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया है। परिषद में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ मार्गदर्शन करेंगे। इस परिषद में प्रसूति के बाद माता मृत्यु दर रोकने पर भी चर्चासत्र होगा। परिषद का आयोजन सेंट्रल प्वाइंट होटल में होगा। परिषद का उद्घाटन अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये करेंगे। यह जानकारी पत्र परिषद में दी नागपुर ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. सुषमा देशमुख ने दी।
मृत्यु दर कम करने में मदद
डॉ. देशमुख ने बताया कि हिस्ट्रोस्कोपी से गर्भाशय की भीतरी गांठ, पर्दा व अन्य सूक्ष्म दोष का पता लगाकर उन्हें दूर किया जा सकता है। इस पद्धति से गर्भाशय निकालने से बचा जा सकता है। प्रसूति के बाद अति रक्तस्त्राव से दुनियाभर में 70 हजार माताओं की मृत्यु होती है। पिछले कुछ सालों में संगठन द्वारा चलाए गए विविध कार्यक्रम के दौरान माताओं का मृत्यु दर कम करने में मदद मिली है, इसलिए यह प्रयास और अधिक होना चाहिए। माताओं को बचाने के लिए प्रयास जारी होने की जानकारी सचिव डॉ. प्रगति खलतकर ने दी है। पत्र परिषद में डॉ. अर्चना कोठारी, डॉ. नीति सप्रे, डॉ. शिवांगी जहागिरदार, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. पायल तुडे, डॉ. शहनाज हुसेन उपस्थित थे।