आरोप: स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया किसान विरोधी भूमिका का परिचय
नाना पटोले ने कहा अतिवृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हुई लेकिन सरकार से अभी तक आर्थिक मदद नहीं मिली
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष तथा विधायक नाना पटोले ने कहा कि अतिवृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। सरकार से अभी तक आर्थिक मदद मिली नहीं, उससे पहले ही बेमौसम बरसात ने कहर बरपा। जो कुछ बचा था, उसका भी नुकसान हो गया। संकट में फंसे किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव रखा। सरकार ने अस्वीकृत कर किसान विरोधी भूमिका का परिचय दिया है।
शीतसत्र के पहले ही दिन विधान भवन के जीने पर महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने किसानों की समस्या को लेकर आक्रामक रूप दिखाया। नाना पटोले ने कहा कि सरकार किसानों की समस्या पर गंभीर नहीं है। सरकार गंभीर रहती तो सदन में विपक्ष के स्थगत प्रस्ताव पर चर्चा की हिम्मत दिखाती। विदर्भ की समस्या पर चर्चा करने का दिखावा करनेवाली सरकार किसानों की समस्या पर चर्चा से मुंह छिपा रही है। उन्हाेंने कहा कि किसानों को आर्थिक मदद देना चाहती है या नहीं, सरकार ने स्पष्ट करना चाहिए।
धान को 1 हजार रुपए बोनस दो : विदर्भ में धान की फसल बड़े पैमाने पर होती है। अभी तक धान खरीदी केंद्र खुले नहीं है। व्यापारी किसानों से 400-500 रुपए कम दाम पर धान खरीद रहे हैं। सरकार धान को उचित दाम मिलने ही नहीं देना चाहती। सरकार से धान को एक हजार रुपए बोनस घोषित करने की पटोले ने मांग की।
विपक्ष को डराने के लिए एसआईटी की धमकी : पटोले ने कहा कि हर अधिवेशन में सरकार शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की जांच का मुद्दा उपस्थित किया जाता है। सरकार सवालों से बचने के लिए एसआईटी का डर दिखाकर विपक्ष को धमकाने का प्रयास कर रही है। सरकार की धमकी से बिना डरे सवाल पूछने का सिलसिला जारी रहेगा। सत्ता का दुरुपयोग कर विपक्ष को धमकाना छोड़ जनता के मुद्दों पर जवाब दें।