रेलवे: नागपुर-वर्धा थर्ड-फोर्थ लाइन निगल गई किसानों की 36 हेक्टेयर जमीन, पूरा होगा कार्य

  • मकसद - मालगाड़ियों का आवागमन तेज करना
  • निगली गई किसानों की 36 हेक्टेयर जमीन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-16 12:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. वर्षों से बन रही नागपुर-वर्धा थर्ड व फोर्थ लाइन का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। लेकिन इस लाइन को बनने के लिए किसानों की 36 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण में चली गई है। वर्तमान स्थिति में 99 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो गया है। नागपुर मंडल अंतर्गत नागपुर से सेवाग्राम तक एक ही रेलवे मार्ग है। जिसमें अप व डाउन की लाइनें बनी हैं। ऐसे में होशंगाबाद से आनेवाली गाड़ी को हैद्राबाद के लिए जाना हो या फिर भुसावल के लिए जाना हो, यह गाड़ी नागपुर-सेवाग्राम से होकर ही गुजरती है। उसी प्रकार भुसावल व हैद्राबाद से आनेवाली गाडियों को सेवाग्राम-नागपुर क्रास कर ही होशंगाबाद के लिए पहुंचना संभव होता है। जिससे इस सेक्शन के दरमियान गाड़ियों का आवागमन बढ़ जाता है।

क्षमता से अधिक गाड़ियां गुजर रहीं : प्रति वर्ष रेलवे बजट में होनेवाली घोषणा के बाद भी इन मार्गों से गुजरनेवाली गाड़ियों में वृद्धि हुई है। परिणामस्वरूप इस सेक्शन दरमियान रोजाना क्षमता से अधिक गाड़ियों का आवागमन हो रहा है। हालांकि रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री गाड़ियों को प्राथमिकता देकर मालगाड़ियों काे अटका दिया जाता है। जिससे रेलवे के राजस्व में कटौती हो रही है। वहीं विदर्भ के औद्योगीकरण की चाल धीमी हो रही है। इसे देखते हुए गत 7 वर्ष पूर्व रेलवे बजट में तत्कालीन रेलवे मंत्री द्वारा नागपुर-सेवाग्राम थर्ड लाइन की घोषणा की थी।

मकसद - मालगाड़ियों का आवागमन तेज करना

घोषणा के अनुसार मालगाड़ियों का आवागमन तेज किया जाना था। 7 वर्षों से इस लाइन का काम चल रहा है। जो अभी आखिरी चरण में पहुंच गया है। लेकिन इस लाइन को बनने के लिए अभी तक 36 हेक्टेयर किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया गया है। जिससे किसानों की जमीन उनसे दूर हो गई है। वर्तमान स्थिति में 99 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। हालांकि जब लाइन का काम शुरू हुआ था, तो जमीन के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा था। 76 किमी में 150 से ज्यादा पुल उपरोक्त लाइन 76 किमी की है। जिस पर कुल 150 से ज्यादा पुल बन रहे हैं। इसमें 2 मेजर पुल हैं। जिसका काम पूरा हो गया है। इसके अलावा 12 बड़े पुल का निर्माण होनेवाला है। जिसमें 10 का काम हो गया है। इसके अलावा 144 छोटे पुल रहनेवाले हैं। जिसमें 70 का काम पूरा हो गया है। 

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