Nagpur News: उपलब्धि - नागपुर ने हाइड्रोजन भंडारण को बनाया और आसान, शोधकर्ता का अनोखा अध्ययन
- हरित हाइड्रोजन की उपलब्धता होगी उपयोगी
- हाइड्रोजन ऊर्जा से शून्य प्रतिशत प्रदूषण
- हरित हाइड्रोजन की उपलब्धता होगी उपयोगी
Nagpur News : पूरी दुनिया वैकल्पिक ईंधन और ऊर्जा स्रोतों का पता लगाने और उनका वास्तव में उपयोग करने के लिए वैज्ञानिक प्रयास कर रही हैं, क्योंकि जीवाश्म ईंधन के सीमित भंडार और उनके दहन से होने वाला वायु प्रदूषण और इससे तापमान में वृद्धि, तथा अन्य गंभीर मुद्दे एक बड़ी समस्या बन गए हैं। भारत ने हाल ही में स्वच्छ ऊर्जा, वैकल्पिक ईंधन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की नीति अपनाई है। इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी, सौर ऊर्जा का उपयोग, इथेनॉल को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरित हाइड्रोजन युग की आवश्यकता है। हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए इसके लाभ अधिक हैं। ‘हाइड्रोजन भंडारण' पर यह अनोखा संशोधन ‘महाज्योति' के शोधकर्ता डाॅ. चैतन्य बबन गेंड द्वारा किया गया है।
घनत्व सिद्धांत का उपयोग
डॉ. चैतन्य बबन गेंड ने भौतिक विज्ञान विषय से होमी भाभा स्टेट यूनिवर्सिटी, मुंबई से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने घनत्व कार्यात्मक सिद्धांत का उपयोग करके हाइड्रोजन भंडारण के लिए कार्यात्मक नैनोमटेरियल्स' पर एक थीसिस प्रस्तुत की। इस थीसिस में उपरोक्त विषय पर 4 अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च पेपर प्रकाशित किए। प्रोफेसर डॉ. अजय चौधरी के मार्गदर्शन में डाॅ. चैतन्य गेंड ने 3 वर्षों में एक थीसिस तैयार की। देश एवं प्रदेश को हाइड्रोजन गैस भंडारण के लिए डाॅ. गेंड का यह काफी शोध उपयोगी साबित होगा।
इसलिए हाइड्रोजन का भंडारण जरूरी
अत्यधिक वायु प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पृथ्वी पर तापमान काफी बढ़ रहा है। इस गर्मी ने ग्लेशियरों के पिघलने की गति बढ़ा दी है। ऋतुचक्र गड़बड़ा गया है। संपूर्ण सुरक्षित हाइड्रोजन भंडारण आज अत्यावश्यक हो गया है। ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। हाइड्रोजन भंडारण प्रभावी और सुरक्षित होना चाहिए। यह औद्योगिक, परिवहन और ऊर्जा उपयोग के लिए उपयोगी हो सके। हालाँकि, उच्च दबाव से रिसाव और विस्फोट का खतरा होता है। भंडारण तरल हाइड्रोजन, धातु-हाइड्रॉक्साइड, कार्बन नैनोट्यूब आदि के माध्यम से भी किया जा सकता है।
हाइड्रोजन ऊर्जा से शून्य प्रतिशत प्रदूषण
हाइड्रोजन ऊर्जा से शून्य प्रतिशत प्रदूषण होगा। सामग्री-आधारित हाइड्रोजन भंडारण ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 2 लाख 76 हजार 300 करोड़ रुपये के वित्तीय निवेश के साथ 7 परियोजनाओं के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दिसंबर में हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच 90 किमी रूट पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का परीक्षण किया जाएगा। सफल होने पर भारतीय रेलवे ने कुल 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। डा. गेंड ने 3 साल तक इस पर शोध किया।
हरित हाइड्रोजन की उपलब्धता होगी उपयोगी
महाज्योति के प्रबंध निदेशक राजेश खवले ने कहा कि ‘महाज्योति' के माध्यम से ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी वर्ग के पीएचडी शोध विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता की जाती है। डा. चैतन्य गेंड द्वारा किया गया शोध गर्व की बात है। महाज्योति से प्राप्त छात्रवृत्ति से राज्य के हजारों छात्र प्रगति की राह पर हैं। महाज्योति अब जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए 37 हजार रुपये और सीनियर रिसर्च फेलोशिप (एसआरएफ) के लिए 42 हजार रुपये प्रति माह की दर से अतिरिक्त छात्रवृत्ति राशि और 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की संशोधित दर पर मकान किराया भत्ता प्रदान कर रहा है।