Nagpur News: तापमान अस्थिर और ऊर्जा प्रणालियों में सुधार की आवश्यकता, इस पर अध्ययन समय की जरुरत

  • सीएसआईआर-नीरी के स्थापना दिवस पर वैज्ञानिकों की राय
  • जलवायु प्रदूषण का अध्ययन व विश्लेषण समय की जरुरत
  • तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने का लक्ष्य

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-05 14:47 GMT

Nagpur News : कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन का सीधा संबंध है। वर्तमान में विश्वभर में तापमान की स्थिरता खतरे में आ चुकी है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों काे कम करने लिए उर्जा प्रणालियों में सुधार की आवश्यकता है। तापमान की स्थिरता को बनाए रखने के लिए नई तकनीक, सामाजिक व आर्थिक प्रभावों की समझ होना जरुरी है। ऐसा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक प्राध्यापक रंजन बनर्जी ने कहा। सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-नीरी) के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में प्राध्यापक बनर्जी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यहां के वैज्ञानिक ज्ञान को जिज्ञासा और नवाचार का बढ़ावा देने की आवश्यकता है। वायु प्रदूषण, जलवायु प्रदूषण और उर्जा प्रणालियों का गहन अध्ययन और विश्लेषण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। डॉ. बनर्जी ने आईआईटी दिल्ली में हुए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों की जानकारी दी। इन उपलब्धियों को नीरी के साथ साझा करने की इच्छा व्यक्त की।

तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने का लक्ष्य

शुक्रवार को आयोजित स्थापना दिवस के अवसर पर सीएसआईआर-नीरी के निदेशक डॉ. अतुल वैद्य और प्रधान वैज्ञानिक प्रकाश कुंभारे उपस्थित थे। डॉ. वैद्य ने कहा कि समाजहित में वैज्ञानिक उत्कृष्टता और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने के अभियान पर लक्ष्य केंद्रित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने मौलिक विज्ञान, अनुपयुक्त प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, निरंततर संसाधन प्रबंधन आदि से जुड़े विषयों पर काम किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान 25 साल सेवा पूरी करनेवाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सत्कार किया गया। इस अवसर पर पर्यावरण पत्रिका का ई-संस्करण प्रकाशित किया गया। साथ ही भारत में बांस की विविधता और सतही क्षरण नियंत्रण नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। सुक्ष्म शोध परियोजना प्रतियोगिता के विजेताओ को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा अलग-अलग स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल के लिए पुरस्कृत किया गया। नागपुर की 59 स्कूलों के 3132 विद्यार्थियों ने संस्थान के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को संस्थान की कार्यप्रणाली, अनुसंधान, विकास गतिविधियां आदि की जानकारी दी। विद्यार्थियों का वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर उपलब्ध कराया गया। संचालन डॉ. देबिश्री खान और आभार प्रदर्शन प्रकाश कुंभारे ने किया।  

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