Nagpur News: ताक पर सुरक्षा - एसटी से पार्सल में जा सकती हैं संवेदनशील वस्तुएं, कर्मचारी बने कूरियर बॉय

  • लाल बस और शिवशाही के चालक-परिचालक बन रहे कूरियर बॉय
  • एसटी से पार्सल में जा सकती हैं संवेदनशील वस्तुएं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-29 15:28 GMT

Nagpur News : फिर एक बार एसटी बसों में चालक-परिचालक के हाथों पार्सल भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह पार्सल 50-100 रुपए लेकर चालक-परिचालक अपनी जिम्मेदारी पर लेकर जाते हैं। पार्सल की कोई जांच नहीं होती। यह हाल नागपुर के गणेशपेठ बस स्टैंड का है। इन पार्सलों में शराब, गांजा सहित संवेदनशील वस्तुएं भी भेजी जा सकती हैं। ऐसे में इन पर लगाम कसने की आवश्यता है। नागपुर गणेशपेठ बस स्टैंड से रोजाना बड़ी संख्या में बसों का आवागमन होता है। यहां से सौंसर, यवतमाल, पांढुर्णा, चंद्रपुर, औरंगाबाद, वर्धा, रायपुर, चंद्रपुर, पुणे, औरंगाबाद, सिवनी, इंदौर आदि शहरों में शिवशाही व लाल बसें चलाई जाती हैं। शहर के छोटे व्यवसायी इन बसों के माध्यम से पार्सल भेजते हैं। प्रक्रिया के अनुसार एसटी प्रशासन किसी को एजेंसी देकर यह काम कराता है। एजेंसी पार्सल बुक कर पार्सलधारक को पावती देती है। पार्सल की जांच-पड़ताल करने के बाद इसे भेजा जाता है, लेकिन कुछ समय से सीधे चालकों के माध्यम से पार्सल भेजना शुरू कर दिया गया है, जो पूरी तरह से सुरक्षा को तांक पर रखना है। 

ऐसे पहुंचता है पार्सल

पड़ताल में पाया गया कि, बसों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान कम समय में पहुंचाना नॉर्मल बात है। ऐसे पार्सल चालक की कमाई का जरिया होते हैं। जहां तक सामान पहुंचाना होता है, चालक कुछ धनराशि लेता है, तो लोग भी आसानी से यह धनराशि दे देते हैं, क्योंकि उनका सामान बिना उनके जाए और बिना समय खर्च किए निर्धारित स्थान पर पहुंच जाता है। बस, मोबाइल फोन नंबर का आदान-प्रदान होता है।

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