Nagpur News: पीओपी की मूर्तियों को लेकर मनपा के पास अबतक कोई ठोस उपाय नहीं, लगा अनदेखी का आरोप

  • कृत्रिम टैंक में विसर्जित पीओपी की गणेश प्रतिमाओं को बुलडोजर की सहायता से चूर किया
  • कई जोन में जमीन की खुदाई की गड्‌डों में दबाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-20 12:25 GMT

Nagpur News : पारंपारिक मूर्तिकार संगठन के सुरेश पाठक का कहना है कि मनपा प्रशासन ने कृत्रिम टैंक में विसर्जित पीओपी की गणेश प्रतिमाओं को बुलडोजर की सहायता से चूर कर दिया। साथ ही कई जोन में जमीन की खुदाई की गड्‌डों में दबाया गया। प्राकृतिक तालाब और नदी में पीओपी की मूर्तियां विसर्जित नहीं की जा सकती हैं। वो विसर्जित होती ही नहीं। विसर्जन के दौरान अनेक मंडलों ने शहर की सीमा वाले गांवों की नदी और तालाब में पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन किया। कृत्रिम विसर्जन टैंक में विसर्जित पीओपी की मूर्तियों को नष्ट करने के लिए कोई भी पर्यावरणपूरक व्यवस्था मनपा के पास नहीं है। ऐसे में मनपा ने खाली जगह पर भूखंडाें में बड़े गड्डे खोदकर मूर्तियों को दबाया।

अब सवाल है कि पीओपी की मूर्तियां जिसे विसर्जित नहीं किया जा सकता, तो उसे कैसे समाप्त करें। जिसपर कोई कारगर रणनीति बनाने की जरूरत है। इसका हल न तो प्रशासन के पास है और ना ही किसी तकनीकी पहलू पर कोई ठोस कदम उठाया गया। कृत्रिम विसर्जन टैंक में विसर्जित पीओपी की मूर्तियों को नष्ट करने के लिए कोई भी पर्यावरणपूरक व्यवस्था मनपा के पास नहीं है। ऐसे में मनपा ने खाली जगह पर भूखंडाें में बड़े गड्डे खोदकर मूर्तियों को दबा दिया गया।

शहर की सीमाओं पर जांच व्यवस्था नहीं होने से पीओपी की मूर्तियां बड़ी संख्या में शहर में बिक्री के लिए पहुंची। मनपा के उपद्रव शोध पथक ने बाजार में पीओपी मूर्ति की बिक्री करनेवालों से दंडात्मक कार्रवाई के नाम खानापूर्ति की गई। एक दुकान से सैकड़ों मूर्तियों में केवल चार, पांच अथवा 10 मूर्तियों को जब्त कर 10 हजार रुपए का दंड लगाया गया, लेकिन इन दुकानों पर दोबारा जांच अथवा कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में पीओपी मूर्तियों की पूरी पाबंदी का पालन नहीं किया गया। हैरानी है कि शहर में एक भी पीओपी मूर्ति विक्रेता की दुकान को सील नहीं किया गया।

अनंत चतुर्दशी को शहर में विसर्जन स्थल पर मनपा ने पीओपी की मूर्तियों की संख्या को कम दिखाने का कारनामा भी कर दिखाया। मनपा को सहयोग के लिए पारंपारिक मूर्तिकार संगठन के स्वयंसेवक धंतोली जोन, हनुमान नगर जोन, गांधींबाग जोन, लकड़गंज जोन, सतरंजीपुरा जोन में उपस्थित थे। इस दौरान मनपा के अधिकारियों और कर्मचारियो ने विसर्जनस्थल पर मूर्ती गणना के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की। इतना ही नहीं बगैर कोई प्रमाणित व्यवस्था और पंचनामे के मिट्‌टी की मूर्तियों की संख्या बढ़ाकर पीओपी की मूर्ती की संख्या कम दर्ज की गई।

गड्‌डों में मूर्तियों को डालकर छोड़ा

इसके साथ ही कृत्रिम टैंक से संकलित मूर्तियों को मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के कर्मचारियों ने प्लास्टिक में डालकर अमरावती रोड पर चोकरधानी के समीप गड्‌डों में छोड़ दिया है। मनपा की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं होने से मूर्ति की श्रद्धा और भावना को आहत किया गया। इतना ही नहीं पिछले साल गणेशोत्सव 2023 में जब्त पीओपी मूर्ती एवं विसर्जन के दौरान प्राप्त मूर्तियों के व्यवस्थापन को लेकर सूचना के अधिकार में भी जानकारी मांगी गई, लेकिन मनपा प्रशासन से अब तक जानकारी नहीं दी गई है। सार्वजनिक मंडलों की ओर से विसर्जन यात्राा में डीजे, बैंजो समेत कर्कश ध्वनि के वाद्य, लेजर लाईट और रसायनिक गुलाल का भी इस्तेमाल करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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