Nagpur News: महिला पर हमला करने वाले बाघ का कुछ पता नहीं, वन विभाग के शिकंजे में आया अन्य

  • महिला को मारने वाला बाघ अब भी पकड़ से दूर
  • गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर भेजा
  • पकड़ा गया बाघ टी 114

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-22 09:40 GMT

Nagpur News : 3 दिन पहले पवनी रेंज झिंझेरिया गांव में एक महिला पर जानलेवा हमला करने वाला बाघ अब भी वन विभाग की पहुंच से परे है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में जो बाघ वन विभाग ने पकड़ा है, वो टी 114 है। जिस बाघ ने महिला पर हमला किया था। उसे ढूंढा जा रहा है। महिला की मौत के बाद परिसर में तनाव का माहौल था। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने की कवायदें तो शुरू कर दी थी। शनिवार शाम एक बाघ पकड़ में भी आया, लेकिन जिसे पकड़ना था वह नहीं मिला। फिल्हाल पकड़े गए बाघ को गोरेवाड़ा लाया गया, जहां जांच करने पर पता चला कि यह वह बाघ नहीं है। ऐसे में अब फिर से बाघ को पकड़ने की मुहिम तेज की गई है। पकड़ा गया बाघ बैलों का शिकार कर चुका है।

क्या है मामला

पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत झिंझेरिया गांव के खेत में काम कर रही महिला पर बाघ ने हमला किया था। बाघ उसे घसीटता हुआ आगे तक ले गया। इस दौरान महिला की मौत हो गई थी। घटना कुछ गांव वालो ने देखी थी, जिसके बाद शोर शराबा करने पर बाघ भाग गया था। इसके बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बन गया था। गांव पहुंची वन विभाग की टीम पर लोगों ने हमला किया था। वन विभाग की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद पुलिस की मदद से गांव वालों को शांत किया था। गांव वालों को जल्द से जल्द बाघ को पकड़ने का आश्वासन भी दिया था। इसके बाद से ही 10 से ज्यादा मैन पॉवर लगाकर 50 से ज्यादा ट्रैप कैमरों के इस्तेमाल से बाघ की तलाश जारी है। पिंजरे भी लगाए गए हैं, साथ ही बेहोश करने के लिए ट्रंकुलाइज का इंतजाम भी कर रखा। अभी तक बाघ पकड़ में नहीं आया है।

पकड़ा गया बाघ कौन है

दरअसल पेंच गांव के आसपास कई बाघ घूमते हैं। जिसमें एक टी 114 है, जो परिसर में मवेशियों का शिकार कर उन्हें खा रहा था। महिला को मारनेवाले बाघ की तलाश में लगी वन विभाग की टीम की पकड़ में आ गया।

कैसे और क्यों पकड़ा

शनिवार को पिपरिया गांव में खेत में काम कर रही एक महिला पर इस बाघ ने हमला किया था, लेकिन ये हमला विफल रहा। इसके बाद इस बाघ ने राधेशाम भलावी के बैल पर अटैक कर उसे मार डाला। घटना की जानकारी मिलते ही, वन विभाग की टीम जाल बिछाकर बैठी रही. जहां बाघ ने बैल को मारा था। जैसे ही बाघ बैल खाने आया। उसे ट्रंकुलाईज कर पकड़ा गया। इसे गोरेवाड़ा भेजा गया, ताकि फिर किसी पर हमला न हो। और बाघ भी सुरक्षित रहे।

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