Nagpur News: जंग में रहेंंगे सेनापति बनकर, उम्मीदवारी से वंचित रह गए जिले के बड़े नेता
- चुनाव की जंग जोर पकड़ने लगी
- प्रमुख दलों के उम्मीदवार तय हो गए
- प्रभावी राजनीतिक चेहरे इस चुनावी जंग में सेनापति बनकर रहेंगे
Nagpur News : विधानसभा चुनाव की जंग जोर पकड़ने लगी है। लगभग सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार तय हो गए हैं। बगावत और बागियों की तैयारी भी दिखने लगी है। ऐसे में यह भी साफ हो गया है कि कुछ चर्चा में रहनेवाले प्रभावी राजनीतिक चेहरे इस चुनावी जंग में सेनापति बनकर तो रहेंगे, लेकिन विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे। उम्मीदवारी पाने से वंचित रहे इन नेताओं को चुनाव प्रचार में सबसे आगे भी देखा जा सकता है। जिले में 12 सीटों के लिए मतदान किए जाएंगे। महायुति में 11 सीटों पर भाजपा व 1 पर शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रहेंगे। महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस 8 , राकांपा शरद गुट 3 व शिवसेना उबाठा 1 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी। चर्चित चेहरों में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख हैं। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विरोध में बयानबाजी का मोर्चा खोलकर वे राज्य ही नहीं देश की राजनीति में चर्चा में हैं। इस बार काटोल विधानसभा क्षेत्र में अनिल देशमुख के बजाय उनके पुत्र सलिल देशमुख को उम्मीदवारी दी गई है।
खास बात है कि दो दिन पहले अनिल देशमुख का नाम राकांपा शरद पवार के उम्मीदवारों की सूची में शामिल था। अब अनिल देशमुख पुत्र सलिल के लिए प्रचार करेंगे। पूर्व मंत्री सुनील केदार जिले में कांग्रेस का सबसे प्रमुख चेहरा माना जाता है। इस बार जिले के ग्रामीण क्षेत्र की सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार तय करने के लिए केदार की सहमति ली गई। लेकिन केदार उम्मीदवार नहीं है। उनके निर्वाचन क्षेत्र सावनेर के उनकी पत्नी अनुजा केदार को कांग्रेस ने उम्मीदवारी दी है। दरअसल, बैँक घोटाले में लिप्तता के कारण केदार को 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ने का आदेश न्यायालय ने दिया है। कांग्रेस के एक और बड़े नेता राजेंद्र मुलक उम्मीदवारी से वंचित रह गए हैं। पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व की सरकार में वित्त व नियोजन राज्यमंत्री रहे मुलक जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। रामटेक, कामठी, पश्चिम नागपुर सीट पर उनका नाम चर्चा में रहा। राहुल गांधी , शरद पवार, उद्धव ठाकरे से भेंट के बाद भी उन्हें उम्मीदवारी नहीं मिल पायी।
पूर्व विदर्भ में कांग्रेस की संगठनात्मक मामले में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालनेवाले अभिजीत वंजारी भी उम्मीदवारी से वंचित रह गए हैं। वंजारी विधानपरिषद सदस्य हैं। पूर्व नागपुर में उन्होंने प्रमुखता से दावा किया था। भाजपा के विधायक विकास कुंभारे मध्य नागपुर व टेकचंद सावरकर कामठी विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारी पाने से वंचित रह गए हैं। पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी रामटेक में उम्मीदवारी नहीं मिलने व भाजपा नेताओं के विरोध में बोलने से भाजपा से निलंबित किए गए हैं। हिंगणा में पूर्व विधायक विजय घोडमारे को राकांपा ने पिछले चुनाव में उम्मीदवारी दी थी। इस बार वे राकांपा शरद गुट के उम्मीदवार रमेश बंग का प्रचार करेंगे।