Nagpur News: हिंदीभाषी हैं खफा, नोटा को मतदान की कर रहे तैयारी- पश्चिम महानगर में प्रदर्शन

  • भाषा व प्रांत का मुद्दा राज्य की राजनीति के लिए नया नहीं
  • पश्चिम महानगर में प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-28 14:16 GMT

Nagpur News : भाषा व प्रांत का मुद्दा राज्य की राजनीति के लिए नया नहीं है। मुंबई व अन्य क्षेत्र में चुनाव के समय यह मुद्दा गर्माया रहता है। लेकिन इस बार नागपुर में यह मुद्दा जोर देकर उठाया जा रहा है। खास बात है कि इस मुद्दे को लेकर भाजपा के लोग, भाजपा पर ही अधिक तंज कसते नजर आ रहे हैं। असंतोष की हद यहां तक है कि नोटा को मतदान करने का निर्णय लिया गया है।

पश्चिम नागपुर में प्रदर्शन

पश्चिम नागपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इस क्षेत्र में सर्वदलीय हिंदीभाषियों को एकत्र किया जा रहा है। रविवार को गिट्टीखदान चौक परिसर के माहुरे लॉन में प्रदर्शन किया गया। कहा गया कि नागपुर शहर में 8 लाख के करीब हिंदीभाषी मतदाता है। बीते 2 विधानसभा व 3 लोकसभा चुनाव में किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने हिंदीभाषी को उम्मीदवारी नहीं दी है। शिवसेना उबाठा के शहर प्रमुख नितीन तिवारी, राकांपा शरद गुट की युवा इकाई के प्रदेश कार्याध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी, कांग्रेस के शैलेंद्र पांडे, अभिजीत झा, अर्चना पाठक, जयप्रकाश पारेख, दोसर वैश्य समाज के रवि गुप्ता, भोई समाज के अशोक नायक, प्रजापति समाज से चंदन प्रजापति, लोहार समाज से संजय लोहार के अलावा पासी समाज, धोबी समाज, कलार समाज, केसरवानी समाज, गुजराती समाज, मारवाडी समाज, माहेश्वरी समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रदर्शन के दौरान हिंदीभाषियों ने यह भी कहा कि कम से कम विधानपरिषद में स्थान मिलने का वादा राष्ट्रीय दलों से मिलना चाहिए। कहा गया है कि नागपुर व विदर्भ में हिंदीभाषियों की संख्या अधिक है। पहले नागपुर संयुक्त मध्यप्रदेश की राजधानी रहा है। यहां कभी भी भाषा या प्रांतवाद को स्थान नहीं दिया गया है। लेकिन उम्मीदवारी चयन में जिस तरह से भूमिका अपनायी जा रही है उससे साफ लग रहा है कि हिंदीभाषियों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है।

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