Nagpur News: आधे से ज्यादा घरकुल के काम लटके, महंगाई ने उड़ाई लाभार्थियों की नींद

  • अनुदान राशि में कोई बदलाव नहीं
  • निर्माण सामग्री के दाम हुए और महंगे
  • उड़ाई लाभार्थियों की नींद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-29 13:18 GMT

Nagpur News : भास्कर संवाददाता | नागपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेघरों को घरकुल देने की घोषणा की है। घरकुल के निर्माण पर ग्रामीण क्षेत्र में 1 लाख, 26 हजार रुपए और शहरी क्षेत्र में 2 लाख, 50 हजार रुपए अनुदान दिया जाता है। अनुदान की रकम में बरसों से बदलाव नहीं हुआ। निर्माण सामग्री के दाम आसमान छू रहे हैं। घरकुल मंजूरी होने पर निर्धारित क्षेत्रफल में अनुदान की रकम से निर्माणकार्य पूरा करना संभव नहीं है। दिन भर मजदूरी कर शाम को जिनका चूल्हा जलता है, ऐसे परिवारों की घरकुल पर खर्च करने की आर्थिक क्षमता नहीं है। घरकुल मंजूर होकर भी महंगाई ने लाभार्थियों की नींद उड़ा दी है।

पुराना मकान तोड़ दिया, नया नहीं बना पा रहे

घरकुल मंजूर होने पर नए मकान का सपना देखकर लाभार्थियों ने पुराना मकान तोड़ दिया। नया मकान बनाने के लिए निर्माण सामग्री खरीदी करने में पसीने छूट रहे हैं। अनुदान की रकम निर्माण सामग्री खरीदी के लिए कम पड़ रही है। अतिरिक्त रकम का इंतजाम नहीं हो पाने से निर्माणकार्य अधूरे में लटक गया है। नए मकान का सपना देख पुराना मकान तोड़ देने पर सिर छिपाने का सहारा नहीं रहा। आधे-अधूरे निर्माणकार्य पर ही तिरपाल डालकर रहने पर मजबूर हैं।

चार किस्तों में मिलता है अनुदान

घरकुल योजना का अनुदान लाभार्थी को चार किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त फाउंडेशन के लिए अदा की जाती है। यह काम पूरा होने पर दीवारों के लिए दूसरी, और छत के लिए तीसरी किस्त दी जाती है। काम पूरा हो जाने पर अंतिम चौथी किस्त दी जाती है। अनुदान की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है।

निर्माण सामग्री के दाम दो गुना

गत 10 साल में महंगाई तेजी से बढ़ी। उसमें भी निर्माण सामग्री के दाम दो गुना बढ़ गए, जबकि अनुदान की रकम उतनी ही है, जितनी दस साल पहले मिलती थी। मजदूरी में भी बढ़ गई। ग्रामीण क्षेत्र में घरकुल योजना के अधिकांश लाभार्थी पेश से किसान है। किसानों के उत्पादन खर्च के मुकाबले माल के दाम नहीं बढ़े। किसानों की आय में वृद्धि नहीं हुई, जबकि महंगाई के चलते खर्च बढ़ जाने से घरकुल मंजूर होकर भी लाभार्थी घरों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, रमाई घरकुल योजना, शबरी अवास योजना अंतर्गत हजारों हजारों घरकुल मंजूर हैं, लेकिन आधे से ज्यादा घरकुल के काम अधूरे में लटके रहने की सूत्रों ने जानकारी दी।

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