Nagpur News: ईडी- सीबीआई जांच के नाम पर साइबर ठगी, निशाने पर हैं बिल्डर और बड़े व्यापारी

  • 8 माह में 106 मामले दर्ज
  • झोपड़पट्टी के नागरिक भी शिकार
  • हिंगना के बिल्डर से 7 लाख लूटे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-25 14:59 GMT

Nagpur News : शहर में इन दिनों बड़े बिल्डरों और व्यापारियों को ईडी और सीबीआई के अधिकारियों के मोबाइल पर कॉल आ रहे हैं। इस दौरान बिल्डर और व्यापारी के नाम वाले बैंक खातों में अन्य शहरों में लाखों का अवैध ट्रांजेक्शन होने की जानकारी दी जाती है। इसी तरह के खातों के आधार पर अधिकारी धमकाकर मामले को दबाने को लेकर रकम की मांग करते हैं। साइबर ठगों के झांसे में आकर व्यापारी और बिल्डर हड़बड़ी में फर्जी लिंक क्लिक करने और ऑनलाइन बैकिंग से रकम ट्रांसफर कर देते हैं। पिछले दो माह में डिजिटली अरेस्ट करने की धमकी का इस्तेमाल कर साइबर ठगी का शिकार बना चुके हैं।

8 माह में 106 मामले दर्ज

पिछले 8 माह में शहर में साइबर ठगी के 106 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। साइबर अपराधों के मामले में ठगों ने करीब 35 करोड़ 78 लाख 55 हजार 950 रुपए की राशि को चूना लगाया है। यूपीआई के माध्यम से ठगी की रकम को ट्रांसफर करने के चलते पुलिस केवल 3 करोड़ 51 लाख 67 हजार रुपए की राशि को ही बैंक खातों को सील कर वसूल कर पाई है। हालांकि, पुलिस ने 106 में से करीब 21 मामलों में अपराधियों को पकड़ने में सफलता पाई है। अधिकतर मामलों में साइबर ठगी की जानकारी और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने में देरी के चलते राशि को जब्त कर पाना मुश्किल हो रहा है।

झोपड़पट्टी के नागरिक भी शिकार

शहर के झोपड़पट्टी के नागरिक अब साइबर ठगी में शामिल किए जा रहे हैं। अन्य राज्यों और शहरों में ठगी की रकम को जमा करने के लिए शहर के झोपड़पट्टी के नागरिकों के बैंक खातों को इस्तेमाल किया जा रहा है। कम शिक्षित और बेरोजगार नागरिकों के आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेजों को लेकर फर्जी बैंक खाते खोले जाते हैं। खाता खोलने के लिए 10 हजार रुपए देकर ऑनलाइन बैंकिंग में ठग अपना मोबाइल रजिस्टर्ड कराते हैं। इसके बाद ठगी की रकम खातों में जमा होते ही मोबाइल के माध्यम से रकम अन्य खातों और यूपीआई में डालकर निकाल लेते हैं। मुंबई के अलावा मध्य प्रदेश और गुजरात के कई ठगी की राशि शहर के नागरिकों के खाते में जमा हुई है।

हिंगना के बिल्डर से 7 लाख लूटे

गस्त माह में साइबर ठगों ने हिंगना के बिल्डर को बैंक खाते में आतंकी वारदात से जुड़ी 28 लाख की रकम के जमा होने की जानकारी दी। इसके बाद मामले को सुलझाने के लिए स्काइप से ऑनलाइन मीटिंग कर 7 लाख रुपए बैंक ट्रांसफर करा लिए गए। दूसरे एक मामले में शिवाजी नगर के सेवानिवृत्त अधिकारी को मुंबई के निजी बैंक खाते में 30 लाख रुपए अवैध रूप से जमा होने को लेकर पूछताछ की गई, इसके बाद नाटकीय रूप से 5 लाख रुपए की ऑनलाइन साइबर ठगी कर ली गई।

नागरिक सावधानी बरतें

अमित भुरे, साइबर विशेषज्ञ, अंबाझरी पुलिस स्टेशन के मुताबिक ईडी, सीबीआई की ओर से कभी अपराध को लेकर फोन अथवा सोशल मीडिया से जानकारी नहीं दी जाती है। केवल तकनीकी ज्ञान और सावधानी से साइबर ठगी से सुरक्षा संभव हो सकती है। किसी भी तरह से अनजान लोगों के साथ ऑनलाइन रकम का भुगतान करने से परहेज करें। किसी भी प्रकार से ठगी का अंदेशा होने पर टोल फ्री हेल्पलाइन-1930 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं।


  

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