Nagpur News: सी विजिल पर मिली 4,711 शिकायतें, चुनाव आयोग ने किया 4,683 का किया निपटारा
- 493 करोड़ 46 लाख रुपये की संपत्ति जब्त
- 10 लाख से ज्यादा की राशि होने पर इंकम टैक्स देखती है
Nagpur News : चुनाव आयोग को 15 अक्टूबर से 11 नवंबर 2024 तक नागपुर समेत राज्य भर से सी-विजिल एप पर कुल 4 हजार 711 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 4 हजार 683 शिकायतों का निपटारा किया गया है। विधान सभा चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें सी विजिल एप पर की जा सकती है। नागरिक आचार संहिता का पालन कराने में मदद करने वाला सी-विजिल एप किसी भी एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप के जरिए नागरिक घर बैठे आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं। शिकायत कर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है। शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित टीम मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करती है। नागपुर जिले में भी सी विजिल एप पर आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित लगभग 100 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसमें से अधिकांश शिकायतों का निपटारा किया गया है। जांच में पता चला कि कुछ शिकायतों में तथ्य नहीं है। सी विजल एप पर शिकायत के साथ संबंधित जगह, फोटो या वीडियो भी भेज सकते है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्य में आचार संहिता का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
493 करोड़ 46 लाख रुपये की संपत्ति जब्त
विधान सभा चुनाव के दौरान ब्लैक मनी के उपयोग का आरोप लगते रहता है। ब्लैक मनी की रोकथाम के लिए चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई टीमों ने नागपुर समेत पूरे राज्य में अभी तक 493 करोड़ 46लाख रुपए की संपत्ति जब्त की। इसमें धन के अलावा शराब व कीमती धातू भी जब्त किया गया है। बेहिसाबी धन, शराब, नशीली दवाओं और कीमती धातुओं आदि के मामलों में 15 अक्टूबर से अब तक कुल 493 करोड़ 46 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
10 लाख से ज्यादा की राशि होने पर इंकम टैक्स देखती है
चुनाव में ब्लैक मनी की रोकथाम के लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से उड़न दस्ते तैयार किए गए है। उड़न दस्ते में पुलिस के अलावा राजस्व व अन्य विभागाें के कर्मचारी होते है। नागपुर जिले में उड़न दस्ते द्वारा जोरशोर से वाहनों की जांच पड़ताल की जा रही है। दस लाख तक की राशि होने पर उड़न दस्ता खुद ही इसकी जांच करता है आैर 10 लाख से ज्यादा की राशि जब्त करने पर ये मामले इंकम टैक्स विभाग को भेजे जाते है। 10 लाख से ज्यादा की राशि वाले 3 मामले इंकम टैक्स विभाग नागपुर को भेजे गए थे। जांच के बाद ये राशि वैध पाई गई। इसके बाद ये राशि संबंधितों को लौटा दी गई।