Nagpur News: एक सप्ताह में बाघ के तीन अलग - अलग हमले, दो घायल, एक की दर्दनाक मौत

  • दो घायल, एक की दर्दनाक मौत
  • पारशिवनी में हुआ तीसरा हमला
  • किसानों पर हुए तीनों हमले

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-19 14:03 GMT

Nagpur News : विभाग में वाइल्ड लाइफ और प्रादेशिक में पिछले सप्ताह बाघ के तीन हमले हुए। जिसमें एक की मौत हो गई, तो दो गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। तीसरा हमला गुरुवार दोपहर पारशिवनी में हुआ। जिसके बाद किसान को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भरती किया गया है। लगातार बाघों की बढ़ती संख्या और कम होते जंगल के दायरे के कारण बाघ इंसानी इलाकों में आ रहे हैं। जिससे हमले बढ़ने की चर्चा है।

विभाग में दो तरह के जंगल हैं। जिसमें एक वाइल्ड लाइफ और दूसरा प्रादेशिक जंगल हैं। वाइल्ड लाइफ की बात करें, तो इसमें बाघों की भरमार है। वहीं प्रादेशिक में बाघों की मौजूदगी है। लगातार बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रादेशिक की बात करें, तो वर्तमान स्थिति में यहां 18 के करीब बाघ हैं, वहीं वाइल्ड लाइफ में केवल पेंच में ही 50 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं। बाघों की संख्या तेजी से बढ़ने और जंगल सीमित होने के कारण बाघ बाहर निकल रहे हैं। जिससे इंसानों के संपर्क में आकर हमले हो रहे हैं।

ऐसे हुए हमले

पहला हमला 14 सितंबर शनिवार को हिंगणा के प्रादेशिक इलाके में हुआ था। जानकारी के अनुसार सुरेश दमडू कंगाली (60) अपने दोस्त देवीदास शामराव कुलमते (55) के साथ मवेशियों को चराने गए थे। जो सुकली के रहने वाले हैं, यहां से नांदेरा के बीच में मवेशियों को छोड़ दोनों एक दूसरे से दूरी पर खड़े हो गए थे। अचानक झाड़ियों से निकलकर एक बाघ ने सुरेश पर हमला कर दिया। बाघ ने अपना पंजा सुरेश के सिर में मारा। जिसके बाद सुरेश चिल्लाने लगा। बाघ ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सुरेश ने बाघ के मुंह पर लाठी मारी। जिसके बाद बाघ ने सुरेश को छोड़ दिया। आवाज सुनते ही देवीदास भी वहां पहुंच गया। दोनों को देख बाघ वहां से भाग गया। बाघ के नाखून सुरेश के सिर में अंदर तक लगे थे। जिससे सुरेश का खून बहने लगा। जिसके बाद उसे एडमिट किया गया। उसका उपचार शुरू है।

दूसरी घटना पेंच व्याघ्र प्रकल्प की है, जहां 17 सितंबर की शाम देवलापार के पास पवनी रेंज में आनेवाले झिंझेरिया गांव मे मिता बुद्ध कुमरे नामक महिला काम कर रही थी। जिसकी उम्र 52 साल है। अचानक एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद गांववालों और वन विभाग के बीच लंबे समय तक तनाव की स्थिति बनी रही थी।

तीसरी घटना 19 सितंबर को प्रादेशिक के पारशिवनी रेंज अंतर्गत पेठ परसोडी की है। जहां खेत में काम कर रहे चंद्रकांत इंगले उम्र 45 साल, अपने खेत में काम कर रहे थें। तभी अचानक बाघ ने उन पर हमला कर दिया। शोर शराबे के बाद बाघ वहां से भाग गया। वन विभाग को घटना का पता चलते ही घायल को रामदासपेठ में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत अभी ठीक है।

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