Nagpur News: चुनाव आते ही फीकी पड़ जाती है आम आदमी पार्टी, 2019 के चुनाव में मिले थे नोटा से भी कम मत
- विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारेगी
- आम आदमी पार्टी, 2019 के चुनाव में मिले थे नोटा से भी कम मत
Nagpur News : रघुनाथसिंह लोधी। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारेगी। पार्टी की ओर से कहा गया है कि मतों के विभाजन को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है। वैसे देखा जाये तो आम आदमी पार्टी के लिए महाराष्ट्र में इस तरह का निर्णय लेना नया नहीं है। चुनाव आते ही यह पार्टी राजनीतिक तौर पर फीकी पड़ जाती है। 2019 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने राज्य में 20 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। उनमें से 5 उम्मीदवार विदर्भ में थे। किसी भी क्षेत्र में यह पार्टी जमानत नहीं बचा पायी। पार्टी को 0.1 प्रतिशत मत मिले थे। नोटा को 1.35 प्रतिशत मत मिले।
2014 के पहले चर्चा में
2014 के लोकसभा चुनाव के पहले आम आदमी पार्टी नागपुर में भी सर्वाधिक चर्चा में थी। पार्टी के कार्यालय में काफी हलचल रहती थी। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की सभा कस्तूरचंद पार्क में हुई थी। आप उम्मीदवार अंजलि दमानियां ने लगभग 70 हजार मत पाये थे। लेकिन उसी वर्ष विधानसभा चुनाव हुए तो पार्टी ने चुनाव लड़ने से किनारा कर लिया। पार्टी के कार्यकर्ता मनपा चुनाव की तैयारी करने लगे। लेकिन विधानसभा क्षेत्र स्तर पर कोई विशेष कार्य नहीं दिखे। इस बीच पिछले वर्ष से नागपुर में मध्य व पश्चिम नागपुर जैसे कुछ विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की हलचल बढ़ी थी। जनसमस्याओं को लेकर इस पार्टी के कार्यकर्ता आक्रामक भूमिका में थे।
नहीं मिल पाया प्रतिसाद
2019 में विदर्भ में आम आदमी पार्टी का प्रतिसाद नहीं मिल पाया था। ब्रम्हपुरी विधानसभा क्षेत्र में पारोमिता गोस्वामी की उम्मीदवारी चर्चा में रही। उनके प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल व संजयसिंह आए थे। लेकिन गोस्वामी को 3,596 मत ही मिल पाये। कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार जीते। बल्लारपुर में ताहेर हुसैन को 1046, दक्षिण पश्चिम में अमोल हाडके 1125, रामटेक ईश्वर गजबे 834 व अमरावती विधानसभा क्षेत्र में आप उम्मीदवार डॉ.रोशन अर्डक को 162 मत ही मिल पाये थे। विधानपरिषद की शिक्षक निर्वाचन सीट के चुनाव में आम उम्मीदवार देवेंद्र वानखेडे काफी पिछड़कर रह गए।