Nagpur News: जीतन मांझी का दावा - बिहार में 70 प्रतिशत भूमि विवाद लालू की पार्टीवाले करते हैं
- केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन मांझी ने किया दावा
- बिहार में 70 प्रतिशत भूमि विवाद लालू की पार्टीवाले करते हैं
- लालू के सहियोगियों पर बड़ा आरोप
Nagpur News : बिहार में नवादा अग्निकांड को लेकर केंद्रीय एमएसएमई मामलों के मंत्री जीतन मांझी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में 70 प्रतिशत भूमि विवाद पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी के लोग करते हैं। बिहार में जमीन कारोबार में एक ही जाति का प्रभाव अधिक है। गुरुवार को विमानतल पर मांझी ने पत्रकारों से चर्चा की। शुक्रवार को वर्धा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में विविध विकास कार्यों का भूमिपूजन होगा। केंद्रीय मंत्री मांझी उसी कार्यक्रम में शामिल होने के सिलसिले में शहर में आए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वे संघ के विचार से बंधे नहीं है लेकिन संघ का विरोध भी नहीं करते हैं।
नवादा में अग्निकांड को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर सवाल उठाए है। मांझी के बारे में कहा है कि वे संघ की बात बोलने लगे हैं। इनसे संबंधित सवालों पर मांझी ने कहा-नवादा की घटना पर कुछ कहने का विपक्ष का मुंह नहीं है। जो लोग आज बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं उन्होंने वर्ष 2005 के पहले की घटना का स्मरण करना चाहिए। 2005 के पहले बिहार में कोई अपराध होता था तो पीड़ित और अपराधी को एक जगह पर बुलाकर समझौता कराया जाता था। अपराधी को छोड़ दिया जाता था। अब वह बात नहीं है। नवादा अग्निकांड भूमि विवाद का परिणाम है। प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। नवादा में दो जातियां रह रही है। घटना के बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बात सरकार ने की है। मांझी ने कहा-मैं पीड़ित परिवार के साथ हूंं। 22 सितंबर को नवादा जाकर पीड़ितों से मिलूंगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर दिलाया जाएगा। 40 से 50 घरों को जलाया गया है। एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। पीड़ितों को राहत देने का काम शुरु कर दिया गया है। 70 प्रतिशत भूमि विवाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी के लोग करते रहे हैं। अब लालूप्रसाद यादव अपना दामन बचाने की बात कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा है कि मांझी आरएसएस की पढ़ाई हुई बातें बोलते हैं। असल में तेजस्वी पढ़े हुए नहीं है। इसलिए पढ़ाई का मर्म वह नहीं जानते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रवादी संगठन है। उससे हम बंधे नहीं है। लेकिन उसका विरोध भी नहीं करते हैं।