टैक्स: तकनीकी गड़बड़ी के चलते बिगड़ा काम, बिना कर जमा किए ही वापस लौट रहे हैं करदाता

  • मनपा के कर विभाग का सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं
  • नागरिकों की हर दिन बढ़ रही भीड़
  • शुल्क भरने के बाद भी खाते में बता रहा बकाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-10 08:14 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाल ही में नागपुर मनपा ने नागरिकों को संपत्ति कर, पानी शुल्क, दुकान, ओटे, जगह वापर शुल्क भरने के संबंध में 1 जनवरी 2024 से 31 मार्च तक एकमुश्त बकाया शुल्क भरने पर शास्ती और दंड राशि पर 80% छूट देने की अभय योजना लागू की है। इस योजना का लाभ लेने के लिए शहर के सभी मनपा जोन और सिविल लाइंस के मुख्य प्रशासनिक कार्यालय में टैक्स भरने वाले नागरिकों की हर दिन भीड़ बढ़ती जा रही है, परंतु मनपा के कर विभाग का सॉफ्टवेयर अभी तक पूरी तरह से अपडेट नहीं होने से करदाताओं द्वारा पूरा शुल्क भरने के बाद भी उनके खाते में बकाया राशि दिखाई दे रही है।

रोज लगा रहे कार्यलय के चक्कर : मनपा के मुख्य प्रशासनिक कार्यालय में कर विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि एक ग्राहक द्वारा 9700 रुपए का बिल जमा करने के बाद भी उसके खाते में 2200 रुपए बकाया दिखा रहा है। ऐसी ही समस्या सभी के साथ है, जिसके चलते कर विभाग के कैश काउंटर पर रुपए भरने आने वाले करदाताओं को वापस भेजा जा रहा है। कर न जमा करने की स्थिति में सैकड़ों करदाता हर दिन कर जमा करने के लिए मनपा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। कर्मचारी ने बताया कि यह समस्या केवल मुख्य कार्यालय में ही नहीं, बल्कि मनपा के सभी जोन कार्यालयों में आ रही हैं, क्योंकि मनपा के मुख्य सॉफ्टवेयर में ही गड़बड़ी आ रही है।

कर दाताओं को हो रही परेशानी : करदाताओं के कर समय पर जमा नहीं होने से उनकी संपत्ति के नामांतरण, बैंकिंग ऋण आदि अटके हुए हैं। एक नेत्रहीन दिव्यांग महिला मीरा प्रजापति ने बताया कि उनके पास कर भरने की रसीद नहीं होने से नागपुर सुधार प्रन्यास की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उन्हें आवंटित हुए आवास की रजिस्ट्री का काम अभी तक रुका हुआ है। डिजिटल इंडिया के युग में आम जनता को समय पर सुविधाएं मिलने के बजाय दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। जब तक मनपा के सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन सुधार नहीं हो जाता, तब तक मनपा प्रशासन ने ऑफलाइन कर भुगतान सेवा शुरू करके करदाताओं को शुल्क भरने की रसीद जारी करने की मांग पीड़ित करदाताओं ने मनपा प्रशासन से की है।

कुछ दिक्कतें थी, अब सही हैं : कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थीं। इस बारे में एक-दो शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद दिनभर इसी पर काम किया गया। अब सॉफ्टवेयर में सुधार कर लिया गया है। जितना पैसा लिया जा रहा है, उतने की रसीद दी जा रही है। -मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, मनपा

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