तफ्तीश जारी: जंगल सफारी बुकिंग में 12 करोड़ की अनियमितता, ठाकुर बंधुओं की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

  • विभागीय वन अधिकारी की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
  • ताड़ोबा-अंधारी टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस के हुआ था करार
  • सॉल्यूशंस ने किया शर्तेां का उल्लंघन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-24 06:26 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर । बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने ताड़ोबा जंगल सफारी बुकिंग में 12 करोड़ रुपए की अनियमितता करने वाले ठाकुर बंधुओं की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। आरोपियों के नाम अभिषेक व रोहित कुमार विनोद सिंह ठाकुर हैं। वे ताड़ोबा जंगल सफारी बुक करने वाली कंपनी वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस के भागीदार हैं। चंद्रपुर के रामनगर पुलिस ने विभागीय वन अधिकारी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया।

समझौता उल्लंघन का मामला : ताड़ोबा-अंधारी टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन ने जंगल सफारी की ऑनलाइन बुकिंग के लिए 10 दिसंबर 2021 को वाइल्ड कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस के साथ एक समझौता किया, लेकिन सॉल्यूशंस ने समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया और जंगल सफारी बुकिंग के 12 करोड़ 15 लाख 50 हजार 831 रुपए का भुगतान वन विभाग को नहीं किया। बुकिंग के संबंध में आवश्यक साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किए गए। इस धोखाधड़ी के चलते सॉल्यूशंस के साथ समझौता रद्द कर किया गया।

यह आरोप लगाया गया : इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए ठाकुर बंधुओं ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी। न्या. उर्मिला जोशी-फलके के समक्ष हुई सुनवाई में राज्य सरकार और वन विभाग ने आरोपी की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया। आरोपियों ने निजी व्यवसाय के लिए ताड़ोबा जंगल सफारी का उपयोग किया। उन्होंने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया। बुकिंग डेटा उपलब्ध नहीं कराया। सबूत मिटाने के लिए डेटा नष्ट किया गया। आरोपियों ने विभिन्न बैंकों में 27 खाते खोले और उनमें पैसे ट्रांसफर किए। सरकार को जीएसटी का भुगतान नहीं किया। साथ ही 334 जिप्सी मालिकों और 334 गाइडों की भी फीस नहीं चुकाई है। इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना जरूरी है। कोर्ट ने सभी का पक्ष सुनते हुए ठाकुर बंधुओं की जमानत अर्जी खारिज कर दी। राज्य सरकार की ओर से एड. विनोद ठाकरे और वन विभाग की ओर से एड. कार्तिक शुकुल ने पैरवी की। 

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