नागपुर: जल आरक्षण बढ़ाने मनपा प्रयासरत, जलप्रदाय विभाग ने सिंचाई विभाग को दिया प्रस्ताव

  • प्रतिवर्ष खर्च होते हैं 22 करोड़
  • सिंचाई विभाग फैसला लेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-20 14:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. इस साल बे-मौसम बारिश के बाद भी शहर में जलखपत में बढ़ोतरी हो गई है। मनपा की ओर से प्रतिवर्ष सिंचाई विभाग से नवेगांव खैरी बांध से 175 एमएम क्यूब पानी, जलापूर्ति के लिए आरक्षित कराया जाता है। इसमें से 175 एमएम क्यूब पानी का साल भर शहर में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस साल पानी की खपत बढ़ने से मनपा के जलप्रदाय विभाग ने सिंचाई विभाग से जल आरक्षण बढ़ाने को लेकर प्रयास शुरू कर दिया है। हालांकि, बारिश के बाद बांधों में जलसंचय को देखते हुए सिंचाई विभाग अक्टूबर माह में मनपा के प्रस्ताव पर फैसला करेगा। दूसरी ओर इस बार जिले के पांच बड़े बांधों में पिछले साल की तुलना में कम जलसंचय है, लेकिन कम संचय के बाद भी शहर में जलसंकट की स्थिति नहीं होगी। तोतलाडोह बांध के अलावा अन्य पांच बांधों में पिछले साल की तुलना में कम संचय है।

बांधों में जलस्तर (प्र.श. में)

बांध                        इस साल             पिछले साल

तोतलाडा़ेह                94.26                  71.18

कामठी खैरी              50.38                  59.88

खिंड़सी                     60.12                  68.00

नांद                          7.77                   19.35

वड़गांव                     34.13                  38.72

सिंचाई विभाग फैसला लेगा

श्वेता बनर्जी, अधीक्षक अभियंता, जलप्रदाय विभाग मनपा के मुताबिक सिंचाई विभाग से प्रतिवर्ष करीब 190 एमएम क्यूब जल आरक्षण होता है। मनपा की ओर से 190 में से करीब 175 एमएम क्यूब पानी लेकर शहर में आपूर्ति की जाती है। इस बार जल आरक्षण बढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग से अनुरोध किया गया है। अक्टूबर माह में जल आरक्षण को लेकर सिंचाई विभाग फैसला लेगा।

सालाना 190 एमएम क्यूब का आरक्षण मनपा का जलप्रदाय विभाग शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए जल आरक्षण लेता है। सिंचाई विभाग के बड़े बांध से संचित जल को आरक्षित करने की प्रक्रिया की जाती है। मनपा को प्रतिवर्ष करीब नवेगांव (खैरी) से जल आरक्षण किया जाता है। मनपा प्रतिवर्ष करीब 190 एमएम क्यूब जलसंचय के लिए आरक्षण करती है, जबकि इसमें से करीब 175 एमएम क्यूब पानी को जलापूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस बार मौसम में बदलाव के चलते काफी हद तक पानी की खपत में कमी हुई है।

प्रतिवर्ष खर्च होते हैं 22 करोड़

मनपा का जलप्रदाय विभाग शहरी क्षेत्र में पानी आपूर्ति पर प्रतिवर्ष करीब 22 करोड़ रुपए खर्च करता है। 190 एमएम क्यूूब में से 175 एमएम क्यूब पानी सिंचाई विभाग के बांधों से लेने के बदले में 22 करोड़ रुपए का भुगतान होता है। 1 जुलाई से 30 जून तक की समयावधि में जल कर का भुगतान होता है। प्रतिमाह करीब 1.83 करोड़ रुपए जल कर सिंचाई विभाग को दिया जाता है। प्रतिवर्ष सिंचाई विभाग से रकम में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है। मनपा का जलप्रदाय विभाग प्रतिदिन करीब 680 से 700 एमएलडी पानी को लेकर शुद्धिकरण कर अपने उपभोक्ता तक पहुंचाता है। हालांकि, गर्मी में मार्च से जून तक प्रतिदिन खपत करीब 725 एमएलडी तक पहुंच जाती है।

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