मनपा हाईटेक: अब जीपीएस से मिलेगी कचरा संकलन की जानकारी
- घर छोड़ने अथवा नहीं पहुंचने पर भी मिलेगा अलर्ट
- सॉफ्टवेयर का अंतिम डेमो 8 दिसंबर को
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कचरा संकलन में लापरवाही की शिकायतों पर मनपा सख्त हो गई है। शहर में कचरे के ढेर,घरों से कचरा उठाने में लापरवाही सहित मिट्टी मिलाकर वजन बढ़ाने पर मनपा पुख्ता जानकारी के अभाव में ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ऐसे में अतिरिक्त आयुक्त आंचल गाेयल की पहल पर हाईटेक निगरानी प्रक्रिया शुरू की गई है। दोनों कंपनी के 800 से अधिक कचरा संकलन वाहनों के जीपीएस को मनपा के इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है। इस व्यवस्था में प्रत्येक घर तक वाहन पहुंचने, ठहरने, कचरा संकलन के बाद निकलने तक की स्पष्ट जानकारी मनपा के सीओसी (सिटी आपरेशन सेंटर) में दर्ज होगी। इतना ही नहीं, अब बगैर कचरा संकलन के घर छोड़ने अथवा नहीं पहुंचने पर मनपा को अलर्ट भी मिलेगा। वाहनों की 90 फीसदी से कम पहुंच होने पर कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। मनपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के सॉफ्टवेयर का अंतिम डेमो 8 दिसंबर को होगा।
वाहन 90 फीसदी से कम पहुंचने पर दंडात्मक कार्रवाई : कंपनियों की लापरवाही सामने आने के बाद मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन विभाग ने कचरा संकलन व्यवस्था का सर्वेक्षण शुरू किया। सफाई निरीक्षक और कंपनी सुपरवाइजर के साथ प्रत्येक घर और वाहनों के कचरा संकलन व्यवस्था की भौगोलिक देशांतर और अक्षांश की गणना की गई। इसमें वाहनों के पहुंचने, 30 सेकंद से 1 मिनट तक घरों के समीप ठहरने की समयावधि और निकलने की प्रक्रिया का पूरा मूल्यांकन भी किया गया। इस गणना को इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर में दर्ज करने से वाहनों की प्रतिदिन घरों तक पहुंचने की स्थिति और कचरा संकलन का पूरा विवरण मिलना अब संभव होगा। प्रति वाहन 150 घरों तक पहुंचने की प्रक्रिया में लापरवाही अथवा 90 फीसदी से कम पहुंचने पर कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएंगी।
कैसी होगी व्यवस्था
कंपनियों को घरों से कचरा संकलन कर भांडेवाड़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। 1 से 5 जोन की जिम्मेदारी एजी एन्वायरो और 6 से 10 जोन की जिम्मेदारी बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। दोनों कंपनी ने 400 छोटे सहित करीब 100 बड़े वाहनों को लगाया है। इन वाहनों में जीपीएस उपकरण लगाएं गए हैं, जिससे कंपनियों को अपने वाहनों की जानकारी मिलती है, लेकिन मनपा तक नहीं पहुंच पाती है। संकरी गलियों से संकलन के लिए दोनों कंपनियों ने करीब 140 रिक्शा भी लगाएं हैं। ऐसे में अब वाहनों की जीपीएस से मनपा को भी निगरानी करने में सुविधा होगी।
प्रक्रिया अंतिम चरण में
जल्द लागू करने का प्रयास
इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर की सहायता से दोनों कंपनी के वाहनों की जीपीएस निगरानी होगी। वाहन घरों तक पहुंचने, ठहरने और निकलने का का पूरा डाटा सॉफ्टवेयर पर मिलेगा। जल्द ही सॉफ्टवेयर का अंतिम डेमो लिया जाएगा, ताकि दिसंबर माह के अंत तक प्रणाली को लागू किया जा सके। नई व्यवस्था से नागरिकों की समस्या दूर होगी। -डॉ गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा