निशाना: बाघनख को लेकर मुनगंटीवार का वार- तुम इतिहास नहीं, न ही तुम्हें इतिहास मालूम है

  • विधानसभा में हुई चर्चा को ही विरोधी सुन लेते
  • मंदिर, सेतु का प्रमाण मांगनेवालों से क्या अपेक्षा की जा सकती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-18 13:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर छत्रपति शिवाजी महाराज के बाघनख को लेकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। बाघनख को असली या नकली कहे जाने पर वन व सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विरोधकों पर वार किया है। विरोधकों को लेकर उन्होंने कहा है-तुम इतिहास नहीं जानते हो, न ही तुम्हें इतिहास मालूम है। अच्छा होता कि तुम विधानसभा में हुई चर्चा को सुन लेते। गुरुवार को मुनगंटीवार ने पत्रकारों से चर्चा की। बुधवार को ही बाघनख को लंदन से मुंबई लाया गया है। बाघनख को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर मुनगंटीवार ने कहा कि विपक्ष केवल विरोध करने का काम कर रहा है। सरकार कोई भी योजना लाए या कार्य करें तो उसका विरोध किया जाता है। योजनाओं का विरोध करना ही विरोधकों को मालूम है। यही उनकी आदत है।

मतों का तुष्टीकरण पहले से ही करने का प्रयास किया जाता रहा है। जानकारी के अभाव में कुछ भी बाेल दिया जाता है। विपक्ष में केवल विरोध की राजनीति करनेवाले कुछ लोग हैं। अयोध्या में प्रभु राम के विषय पर कहा जा रहा था कि सबकुछ काल्पनिक कथा है। रामसेतु के विषय को लेकर तो उच्च न्यायालय में गए थे। भाजपा के नेतृत्व की सरकार सकारात्मक कार्य करती है और जनहित के निर्णय लेती है तो उसका विरोध किया जाता है। विधानसभा में 1980 में बाघनख के विषय पर चर्चा हुई थी। विरोधी उस चर्चा को सुनें। अतिशय उत्तम चर्चा हुई है। एक सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार महायुति में हैं। महायुति में ही रहेंगे। उनकी घरवापसी संबंधी सवालों का जवाब शरद पवार ही दे सकते हैं।

क्या है बाघनख

छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में बताया जाता है कि वे धातु के पंजे का इस्तेमाल छिपे हथियार के तौर पर करते थे। उसे बाघनख कहा जाता था। 1659 में बीजापुर के सेनापति अफजल खान को शिवाजी महाराज ने बाघनख से ही मारा था। वह बाघनख सातारा में मराठा शासक के यहां रखा था। 1818 में इस्ट इंडिया कंपनी ने अंग्रेज अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ को सातारा कोर्ट में रेजिडेंट राजनीतिक एजेंट बनाकर भेजा तो उन्हें बाघनख उपहार में दिया गया। 1824 में डफ के वंशजों ने उस बाघनख को लंदन के विक्टोरिया अल्बर्ट म्युजियम को दान दिया। उसे वापस लाने की घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी। मंत्री मुनगंटीवार ने फालोअप कर बाघनख काे लाया। 

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