पशोपेश: एमपीसीबी ने झटके हाथ, पीओपी मूर्तियों को लेकर कार्रवाई की मनपा पर डाली जिम्मेदारी
- मनपा के पत्र को ठंडे बस्ते में डाला
- नागपुर मनपा खुद कार्रवाई कर सकती है
- पीओपी मूर्तियों को लेकर कार्रवाई पर पशोपेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पीओपी मूर्तियों का मामला फिर एक बार मनपा और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) के बीच फंस गया है। मनपा ने पीओपी मूर्तियों को जब्त कर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने संबंधी पत्र एमपीसीबी को लिखा है। एमपीसीबी ने मनपा के इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पीओपी मूर्तियों को लेकर मनपा खुद कार्रवाई कर सकती है। पीओपी पानी में नष्ट नहीं होती। पर्यावरण के लिए इसे नुकसानदेह माना गया है। पीओपी मूर्तियों की बिक्री पर पाबंदी होने का कारण बताकर मनपा हर साल पीओपी की गणेश मूर्तियां जब्त करती है। इस साल भी मनपा के एनडीएस दस्ते ने पीओपी मूर्तियों को जब्त किया। संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई करने और जरूरत पड़ने पर मामले दर्ज करने का पत्र एमपीसीबी लिखा। एमपीसीबी ने स्पष्ट किया कि मनपा का पत्र मिला है। उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आगे भी इस पर कार्रवाई नहीं होगी।
गत वर्ष गड्ढे में जमा की थी
गत वर्ष मनपा ने पीओपी मूर्तियों को जब्त करने के बाद एक बड़े गड्ढे में जमा कर दिया था। उस वक्त भी मनपा और प्रदूषण मंडल के बीच कानूनी कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति बनी थी। एमपीसीबी ने पीओपी मूर्तियों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
एमपीसीबी लेगी कानूनी राय
एमपीसीबी के सूत्रों ने बताया कि पीओपी मूर्तियों को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसे लेकर हमारे लॉ ऑफिसर से कानूनी सलाह ली जाएगी। मनपा का जो पत्र मिला, उसके मद्देनजर राज्य सरकार को पत्र लिखकर गाइडलाइन मांगी गई है। सरकार जो सूचना और दिशानिर्देश देगी, उसके मुताबिक काम किया जाएगा। हम खुद होकर कार्रवाई नहीं करेंगे।
सीएम की अध्यक्षता में बनी है समिति
एमपीसीबी ने स्पष्ट किया कि पीओपी मूर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कमिटी बनी हुई है। एमपीसीबी ने दो टूक कहा कि पीओपी मूर्तियां पर्यावरण के लिए घातक है, लेकिन इसमें हम क्या और कहां तक कार्रवाई कर सकते हैं, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। पीओपी मूर्तियों के निपटारे से लेकर कानूनी कार्रवाई को लेकर सीएम की अध्यक्षतावाली समिति ही निर्णय लेगी। हम प्रदूषण नियंत्रण का काम करते हैं।