परेशानी: जन्म प्रमाणपत्र के लिए नौनिहालों के साथ धूप में तप रहीं माताएं, बढ़ रही भीड़
- मेडिकल प्रशासन ने नहीं की कोई व्यवस्था
- नौनिहालों के साथ धूप में तप रहीं माएं
- छह महीने बाद भी नहीं उठाया कदम
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकार ने पिछले साल जन्म प्रमाणपत्र के लिए घोषणा की थी। इसके अंतर्गत राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में जन्म लेनेवाले बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र उसी अस्पताल में देने का निर्णय लिया गया। नागपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में भी यह सुविधा शुरू की गई है।
मेडिकल में दो काउंटरों पर फार्म वितरण, भुगतान व प्रमाणपत्र दिया जाता है। यह काउंटर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के अंतिम हिस्से में है। यहां आने वाले लोगों को खुले स्थान पर खड़ा रहना पड़ता है। हर रोज भीड़ बढ़ रही है, लेकिन कोई व्यवस्थापन नहीं किया गया है। बैठने के लिए शेड भी नहीं है। इसलिए लोगों को धूप में ही खड़े रहना पड़ता है। भीतर भी पर्याप्त संख्या में बैठने की व्यवस्था नहीं है।
छह महीने बाद भी नहीं उठाया कदम
सोमवार को यहां नौनिहालों के साथ माताएं धूप में तप रही थीं। भीड़ के बीच महिलाएं अपनी बच्चों को लेकर खड़ी थीं। यह दृश्य द्रवित करने वाला था, लेकिन उपस्थित लोगों को उन महिलाओं पर तरस नहीं आ रहा था, क्योंकि वे भी भीड़ में प्रमाणपत्र के लिए आए थे। इस समस्या का हल निकालना मेडिकल प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन छह महीने से अधिक समय होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आने वाले दिनों में गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। ऐसे में नौनिहालों के साथ आने वाली माताओं के लिए व्यवस्था करना जरूरी है।
किसी को आठ-दस फॉर्म
इन काउंटरों पर मनमानी चल रही है। जरूरतमंदों को फार्म तुरंत नहीं दिया जाता, लेकिन पहचान का व्यक्ति आने पर उसे तुरंत फॉर्म दिए जाते हैं। सोमवार को एक ही व्यक्ति को आठ-दस फॉर्म दिए गए। यह व्यक्ति बाद में लोगों को फॉर्म बांटने लगा था। पिछले दिनों मेडिकल के एक अधिकारी ने इस तरह की मनमानी पर रोक लगाने के लिए खरी-खोटी सुनाई थी। बावजूद इसके सुधार नहीं हो रहा है।