नागपुर: चिकित्सा सेवाएं प्रभावित, मरीजों की संख्या हुई कम, आंदोलन में शामिल 550 से अधिक डॉक्टर्स
- सेवा में क्लिनिकल व नॉन क्लिनिकल डॉक्टर्स
- मार्ड के आंदोलन में शामिल हुए 550 से अधिक डॉक्टर्स
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोलकाता के आरजी कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला देशभर में गूंज रहा है। इस वारदात का विरोध हो रहा है। मामले की तत्काल सीबीआई जांच करने व मृतक डॉक्टर के परिजन को एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की जा रही है। राज्य में सेंट्रल मार्ड ने मंगलवार से कामबंद आंदोलन शुरु कर दिया है। यह आंदोलन अनिश्चितकालीन है। मार्ड के आह्वान पर मेयो और मेडिकल के करीब 550 निवासी डॉक्टरों के शामिल होने की जानकारी है। इसके चलते कुछ सेवाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं मरीजों की संख्या भी घटी हैं।
सेवा में क्लिनिकल व नॉन क्लिनिकल डॉक्टर्स
निवासी डॉक्टरों ने ओपीडी व सामान्य सेवा छोड़ सभी आपात सेवाएं शुरु रखी हैं। जिन मरीजों को सही में उपचार की आवश्यकता है, उनकी जांच व उपचार किया गया। किसी भी मरीज को वापिस नहीं भेजा गया। मार्ड के डॉक्टरों ने किसी मरीज को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा। सूत्रों ने बताया कि आंदोलन में मेयो मेडिकल के 550 निवासी डॉक्टर शामिल हुए। वहीं मेयो व मेडिकल प्रशासन ने चिकित्सा सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये थे।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर्स व क्लिनिकल व नॉन क्लिनिकल विभागों में काम करनेवाले सीनियर्स व ज्यूनियर्स को सेवा में लगाया गया । ताकि आपात स्थिति में किसी को कोई परेशानी ना हो। सर्जरी विभाग व अन्य आपात विभागों के प्रमुखों को पहले से अलर्ट मोड पर रखा गया था। पुख्ता इंतजाम किये जाने से कामकाज प्रभावित नहीं हुआ। वहीं निवासी डॉक्टरों ने भी आंदोलन के साथ ही मरीजों को परेशानी न हो, इसका विषेध ध्यान रखा था। बावजूद निवासी डॉक्टरों की कमी के चलते कामकाज प्रभावित हुआ है।
इस प्रकार रही मेयो-मेडिकल में चिकित्सा सेवा
मेडिकल में मंगलवार को सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक की स्थिति इसप्रकार रही है। यहां की ओपीडी में 2638 मरीज, आईपीडी में 94 मरीज, कैज्युअल्टी में 140 मरीज, मेजर ऑपरेशन 38, माइनर ऑपरेशन 65, प्रसूति 5 हुई है। ओपीडी को छोड़कर अन्य संख्या कुछ फीसदी घटी है। वहीं मेयो में ओपीडी 1899, आईपीडी 153, कैज्युअल्टी 94, मेजर ऑपरेशन 39, माइनर ऑपरेशन 8 और प्रसूति 3 हुई है। दोनों अस्पतालों में कुछ विभागों को आंकड़ा औसत है। वहीं कुछ विभागों की संख्या घटी है।