नागपुर: गडचिरोली के कॉलेज में उधारी पर मेयो - मेडिकल के डॉक्टर, तबादले से नाराजगी
- स्थायी भर्ती प्रक्रिया नहीं होने से बना है मैन पावर का अभाव
- डॉक्टरों में तबादले से नाराजगी
- तत्काल कार्यमुक्त कर विभाग को देनी है रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकारी अस्पतालाें में पहले से मैन पावर की कमी है। चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम वर्ग तक कई पद रिक्त हैं। इन पदों पर भरती नहीं होने से कामकाज प्रभावित होना आम बात हो चुकी है, ऐसे हालातों में नागपुर समेत चंद्रपुर के सरकारी कॉलेजों के करीब 20 से अधिक डॉक्टरों की गडचिरोली में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में सेवा देने के लिए उधार देने की जानकारी है। सूत्रों ने बताया कि 20 डॉक्टरों में नागपुर के मेयो व मेडिकल के कुछ डॉक्टर शामिल है। सेवा वर्ग के नाम पर यह तबादले किए जा रहे हैं। वहीं तीज-त्योहारों के अवसर पर यह तबादले किए जाने से डॉक्टरों में नाराजगी है।
नई पद भरती के मामले में उदासीनता
आबादी के हिसाब से सेवा सुविधाओं का विस्तार करना जरुरी होता है। पहले के मुकाबले सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मनुष्यबल की आवश्यकता है। सरकारी अस्पतालों में पदभरती के मामले में स्थायी भरती के बजाय अस्थायी यानि ठेका पद्धति पर भरती की जा रही है। इसलिए भरती प्रक्रिया में डॉक्टर्स व प्राध्यापक न के बराबर शामिल होते हैं। परिणामस्वरुप मनुष्यबल की कमी बनी है। राज्य सरकार ने बढ़ती आबादी के हिसाब से राज्य में 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज व उससे संलग्न 430 बिस्तरों के अस्पतालों को शुरु करने का निर्णय लिया था। इस प्रस्ताव को जून 2023 में राज्य मंत्रिमंडल ने मान्यता दी थी। इसमें गडचिरोली समेत अमरावती, बुलढाणा, वाशिम, वर्धा, भंडारा, पालघर, ठाणे (अंबरनाथ) व जालना आदि शहरों के मेडिकल कॉलेज शामिल किये गए थे। इनमें से गडचिरोली मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का काम तेज गति से हो रहा है।
तत्काल कार्यमुक्त कर विभाग को देनी है रिपोर्ट
चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान व आयुष विभाग द्वारा एक पत्र में पदनिर्मिती का उल्लेख किया गया है। इसमें गडचिरोली के 100 बिस्तर क्षमता वाले अस्पताल का विशेष रुप से उल्लेख है। इसी पत्र में 2024-25 सत्र के लिए प्रथम वर्ष के स्नातकपूर्व विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया के लिए नवनिर्मित गडचिरोली के बारे में लिखा है। पत्र में कहा गया है कि गडचिरोली के मेडिकल कॉलेज के विविध विभागों में अध्यापकों की कमी है। मरीजों का हित और विद्यार्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए चंद्रपुर व नागपुर मेडिकल कॉलेज से अध्यापकों की सेवा लेने का निर्देश दिया गया है। इसलिए चंद्रपुर व नागपुर के मेडिकल कॉलेज के अध्यापकों की सेवा वर्ग यानि अस्थायी तबादले या उधारी पर सेवा देने के लिए भेजा जा रहा है। गडचिरोली में सेवा देने के लिए यहां के अध्यापकों को तत्काल कार्यमुक्त करने व उसकी रिपोर्ट देने की सूचना विभाग ने संबंधित अधिकारियों का दी है।