नागपुर: ओवरहेड लाइन को जमीन पर लाना चाहता है महावितरण, अनुमती लेकर भरना होगा सरकारी शुल्क
- काम का खर्च भी महावितरण को उठाना होगा
- लेनी होगी पीडब्ल्यूडी से अनुमति
- भरना होगा सरकारी शुल्क
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में आई बाढ़ के कारण अंबाझरी टी प्वाइंट के पास का पुलिया पानी में बह गया था। इस जगह पर नया पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। पुराने पुलिया में महावितरण की 33 केवी की छह लाइनें थी, जिससे दक्षिण-पश्चिम नागपुर में बिजली आपूर्ति होती है। लोक कर्म विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पुराने पुल को तोड़ते समय इन केबल को शिफ्ट कर दिया। अब पुलिया का एक साइड का अधिकांश हिस्सा बन गया और केबल ओवरहेड कर दिए गए हैं। महावितरण अब इन केबल को पुलिया से सटकर आगे निकलना चाहता है। इसके लिए केबल ऊपर से नीचे लाने होंगे।
महावितरण ने ओवरहेड लाइन को नीचे पुलिया से सटकर आगे ले जाने की बात कही। लोक कर्म विभाग ने खुद ऐसा करने से मना कर दिया है। साथ ही ओवरहेड लाइन को नीचे उतारने के लिए शासकीय शुल्क भरने व पीडब्ल्यूडी से अनुमति लेने को कहा है। इसीतरह इस काम के लिए जो खर्च आएगा वह पूरीतरह महावितरण को उठाना पड़ेगा। वर्तमान में पुलिया व दोनों साइड के रास्ते का काम जिस मद से हो रहा है, उससे फूटी कौड़ी महावितरण को नहीं मिलेगी।
यहां से शुरू हुई अनबन
जो पुराना पुलिया था, उसकी कांक्रीट में 33 केवी की 6 लाइनें छिपी थी। महावितरण ने इन लाइनों को कांक्रीट से अलग करने की बजाय पीडब्ल्यूडी पर जिम्मेदारी डाल दी थी। पीडब्ल्यूडी ने न चाहते हुे भी इस लाइन को अलग किया आैर आेवरहेड लाइन डाल दी। उस वक्त भी पीडब्ल्यूडी को इस काम के लिए अलग से निधि नहीं मिली। पुलिया व सड़क के लिए मिली निधि से यह काम किया गया। यह टकराव तब दूर हो गया था।
पीडब्ल्यूडी के सूत्रों ने बताया कि हमें 30 सितंबर के पहले हर हाल में पुलिया, रास्ता बनाकर यहां से यातायात शुरू करना है। हमने पुलिया पर मजबूत ओवरहेड लाइन की व्यवस्था कर दी है। अब इस लाइन को नीचे लाकर पुलिया के समीप से निकालना हमारा काम नहीं। इसके लिए महावितरण को तय शुल्क भरना होगा आैर अनुमति लेनी होगी। इसका खर्च भी महावितरण को ही उठाना होगा। ओवरहेड लाइन से किसी को कोई परेशानी नहीं है। इसके पहले भी कांक्रीट में दबी बिजली की 6 लाइन को हमने ही अलग किया था।