रोष: मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन
महाराष्ट्र कलाल-कलार समाज संगठन
डिजिटल डेस्क, नागपुर । महाराष्ट्र कलाल-कलार समाज संगठन का मोर्चा लिबर्टी चौक पर सागर समुद्रवार के नेतृत्व में निकाला गया। मोर्चे को संबोधित करते हुए बताया गया कि, देश में कलाल-कलार समाज की जनसंख्या 55 लाख है, फिर भी गत 65 से 70 वर्ष से समाज का एक भी प्रतिनिधि सरकार में नहीं है। इस समाज को संपन्न समझा जाता है, जबकि वस्तुस्थिति इसके विपरीत है।
मांगें : श्री भगवान सहस्त्राबाहू आर्थिक विकास महामंडल की स्थापना करें, समाज के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराएं, कलाल-कलार समाज को शराब िबक्री का लाइसेंस देते समय प्राथमिकता दें, विश्वकर्मा योजना में समाज को शामिल करें आदि।
मांगें : पुलिस भर्ती व अन्य नौकरियों में आरक्षण दें, शिक्षा, नौकरी आदि शासकीय योजनाओं में स्त्री की तर्ज पर तृतीयपंथी का भी पर्याय रखें, सामाजिक न्याय विभाग की तर्ज पर जिलास्तर पर तृतीयपंथी के अधिकार और कल्याण के लिए संरक्षण मंडल की स्थापना करें और पदवीधर तृतीयपंथी की नियुक्ति करें, उच्च शिक्षित अथवा विदेश में शिक्षा के लिए जाने वाले तृतीयपंथी की आर्थिक सहायता करें आदि।
विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त
विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त का मोर्चा सुनील घटाले के नेतृत्व में अमरावती के साइंसस्कोर मैदान से विधान भवन पर पहुंचा। िकसानाें और प्रकल्पग्रतों की मांगों को लेकर इस मोर्चे ने भी दिन भर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। पश्चात मोर्चे के शिष्टमंडल को संबंधित मंत्री से िमलने ले जाया गया था।
मांगें : प्रकल्पग्रस्त परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी अथवा 30 लाख रुपए दें, प्रकल्पग्रस्त को महंगाई के अनुसार मुआवजा बढ़ाकर दें, प्रकल्पग्रस्त के विकास हेतु स्वतंत्र महामंडल की स्थापना करें आदि।