सफल थीसिस: महाज्योति के शोधकर्ता डॉ. रविशंकर ने ढूंढा जहरीली गैस रिसाव को रोकने का रास्ता

  • डॉ. रविशंकर आंबी का अंतरराष्ट्रीय स्तर का सफल थीसिस
  • 1 पेटेंट अपने नाम करने का गौरव
  • दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह शोध काम आएगा : राजेश खवले

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-06 16:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाज्योति के शोधकर्ता डॉ. रविशंकर आंबी ने जहरीली गैस रिसाव रोकने का रास्ता ढूंढ निकाला है। विश्व के इतिहास में सबसे बड़ा गैस कांड मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुआ था। 40 साल पहले हुई इस घटना में 2 और 3 दिसंबर की रात न सिर्फ हजारों नागरिकों के लिए बल्कि हर जीव-जंतु के लिए काली रात बन गई थी। एक कीटनाशक कंपनी के प्लांट से जहरीली गैस लीक हो गई और पूरे शहर का दम घुट गया था। जो बच गए वे या तो अपंग हो गए या महीनों बाद मर गए। भोपाल गैस त्रासदी नामक इस रासायनिक दुर्घटना के कारण आज भी यहां बच्चे शारीरिक विकलांगता या दोष के साथ पैदा होते हैं। दोबारा ऐसी जहरीली गैस रिसाव की स्थिति में कम समय में और कम से कम गैस रिसाव से दुर्घटना को रोकने के लिए प्रभावी शोध महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति) के डाॅ. रविशंकर रमेश आम्बी ने किया है। 'महाज्योति' के माध्यम से ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी वर्ग के पीएचडी शोध छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाती है।

डॉ. रविशंकर रमेश आम्बी को शिवाजी विद्यापीठ, कोल्हापुर से भौतिकशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। उन्होंने 'स्टडीज आन मेटल आक्साइड एनआइओं कोटेड जेडएनओ थीन फिल्म्स फार गैस सेंसिंग एप्लीकेशन' इस विषय पर थीसिस पेश किए है। उन्होंने इस थीसिस में उपरोक्त विषय पर 4 अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र और 1 अंतरराष्ट्रीय पुस्तक प्रकाशित की है जो गैस रिसाव दुर्घटनाओं को रोकने में प्रभावी है। इसके अलावा उन्होंने 1 पेटेंट अपने नाम करने का गौरव हासिल किया है। इतिहास में दर्ज ऐसी घटना को रोकने के लिए यह शोध उपयोगी साबित होगा।

गैस रिसाव को रोकने के लिए दुनिया के कई वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। हालाँकि, अभी तक कोई प्रभावी शोध नहीं किया गया है। भोपाल गैस त्रासदी के बाद डॉ. अंाबी ने 4 साल तक इस पर रिसर्च शुरू किया। महाज्योति से 35 हजार प्रतिमाह स्कॉलरशिप प्राप्त कर 4 वर्ष में डाॅ. आंबी ने सफलतापूर्वक अपनी थीसिस पूरी की। डॉ। साथ ही डॉ. अंाबी को आईआईटी मुंबई से आर्थिक सहायता मिली है।

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह शोध काम आएगा : राजेश खवले

महाज्योति के प्रबंध निदेशक राजेश खवले ने कहा कि गैस रिसाव को रोकने यह शोध काम आएगा। महाज्योति के छात्रों द्वारा किया गया शोध गर्व की बात है। इससे महाज्योति सहित देश का नाम रोशन हुआ है। महाज्योति से प्राप्त छात्रवृत्ति से राज्य के हजारों छात्र प्रगति की राह पर चल पड़े हैं। महाज्योति अब जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए 37 हजार रुपये और सीनियर रिसर्च फेलोशिप (एसआरएफ) के लिए 42 हजार रुपये प्रति माह और इसके अलावा र 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की संशोधित दर पर मकान किराया भत्ता प्रदान कर रहा है।

मंत्री अतुल सावे ने की सराहना

महाज्योति के अध्यक्ष एवं अन्य पिछड़ा-बहुजन कल्याण विभाग के मंत्री अतुल सावे ने गैस रिसाव पर प्रभावी शोध करने वाले डॉ. रविशंकर अंाबी की सराहना की। भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डॉ. डॉ. आंबी की थीसिस विश्व के लिए लाभदायक होगी।

औद्योगिक कंपनियों में होगा उपयोग

इस शोध का उपयोग बड़ी औद्योगिक कंपनियों और घरों में किया जा सकता है। यदि किसी उद्योग में गैस रिसाव होता है, तो इसका कम समय में पता लगाया जा सकता है। ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके. साथ ही घर में गैस लीकेज से होने वाले बड़े हादसे से बचने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेंसर गैस रिसाव का संकेत देगा

यदि किसी कंपनी में थोडा भी गैस रिसाव होता है, तो सेंसर गैस रिसाव का संकेत देगा या अपना बजर बजाकर अलर्ट कर देगा। ताकि गैस रिसाव को तुरंत रोका जा सके आैर बड़ी दुर्घटना को भी रोका जा सकता है

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