नागपुर: सर्पदंश के 26 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे मध्य प्रदेश के मजदूर की बची जान, मामले बढ़े

  • मेडिकल, मेयो, एम्स में प्रतिमाह 10 से अधिक पहुंच रहे सर्पदंश के शिकार
  • अन्य घटनाओं में सर्पदंश के बाद अस्पताल पहुंचे 1 की मौत, 2 का उपचार जारी
  • सौंसर निवासी को खेत में रसेल वाइपर ने काटा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-13 15:00 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. गर्मी के मौसम में स्नैक बाइट के मामले बढ़ जाते हैं। विशेषकर खेतों में काम करने वाले मजदूरों को स्नैक बाइट करते हैं। नागपुर के बुटीबोरी में एक ठेकेदार के पास काम करने वाले मध्य प्रदेश के मजदूर को सर्पदंश के बाद उसने कढ़ी पत्ता खाया, जब तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो वह करीब 26 घंटे बाद एम्स में उपचार कराने पहुंचा। इस मजदूर को सर्पदंश के बारे में वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसाइटी के सचिव नितीश भांदक्कर को जानकारी मिली, तो वह उसकी मदद करने सर्पमित्र साहिल शरणागत और राकेश कलंबे के साथ एम्स पहुंचे। यह लोग मरीज की हालत और सर्पदंश की जगह देखकर अनुमान लगा लेते हैं कि, उसे जहरीले या बिना जहरीले सर्प ने दंश किया है। नितीश के अनुसार एम्स में पहुंचने के बाद जब सर्पदंश पीड़ित मजदूर अमर मडावी की हालत देखकर उन्होंने डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया कि, मरीज को जहरीले सांप ने डसा है, तो उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया, लेकिन अंतत: नितीश और उनके साथी डॉक्टरों को समझाने में सफल रहे और 27 वर्षीय मजदूर अमर मडावी की जान बच गई। करीब सवा तीन घंटे बाद अमर का उपचार शुरू हो सका। यह वह निजी अस्पताल में भी गया था, लेकिन ठेकेदार ने उसे एम्स में जाने की सलाह दी। अमर को 8 मई को सर्पदंश हुआ था, रविवार को उसे छुट्टी दे दी गई। 

सौंसर निवासी 52 वर्षीय जीवन मरसकोल्हे को खेत में काम करते समय 9 मई को सर्पदंश हुआ। उन्हें नागपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। सर्पमित्र नितीश और अन्य ने असस्पताल पहुंचकर जीवन की मदद की। जीवन का उपचार मेडिकल अस्पताल में शुरू है। उस रसल वाइपर सांप ने डसा था।

पारशिवनी निवासी की मेडिकल में मौत

पारसिवनी निवासी 58 वर्षीय सुरेश कालमेघ को गत 8 मई को खेत में काम करते समय सर्प ने डस लिया था। उसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान 11 मई को सुरेश की मौत हो गई। उसे बचाने का भरसक प्रयास किया गया।

सर्पमित्रों की सलाह

सर्पमित्र नितीश ने नागरिकों को सलाह दी है कि, सर्पदंश होने पर घबराएं नहीं, दौड़-भाग न करें, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से जहर शरीर में तेजी से फैलने का खतरा रहता है। सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ने के बजाय किसी भी अस्पताल में सबसे पहले जाएं, ऐसे अस्पताल में जाएं जहां एंटीबाइटिक इंजेक्शन मिलने की सुविधा हो।

 

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