धोखाधड़ी: 2.50 लाख के चक्कर में गंवा दिए 5.12 लाख, पर्सनल लोन के नाम पर ठगी

  • प्राध्यापक ने परिचितों से कर्ज लेकर आरोपी को दिए थे पैसे
  • 2.50 लाख के चक्कर में गंवा की मोटी रकम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-21 14:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. पर्सनल लोन दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने एक प्राध्यापक को 5.12 लाख की चपत लगा दी। पहले आरोपियों ने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 4,550 रुपए लिए। इसके बाद किसी न किसी बहाने प्राध्यापक से रकम ऐंठते रहे। जब प्राध्यापक को आरोपियों ने आरबीआई के नाम से बैंक मैनेजर का पत्र भेजा, तब उन्होंने परिचितों से बातचीत की। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि, उनके साथ ठग हो गई है। उन्होंने इस मामले की शिकायत सोनेगांव थाने में की। उपनिरीक्षक शेषराज टेटवार ने मामले की जांच कर साइबर अपराधियों के खिलाफ धारा 419, 420 ,सहधारा 66(सी) 66(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

पर्सनल लोन का विज्ञापन देखकर खा गए धोखा

पुलिस के अनुसार प्लाॅट नं.-204, साईं गंगोत्री नं.-2, रेवती नगर, बेसा निवासी प्रशांत मदन बोकाडे (43) ने सोनेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि, वह सदर स्थित अंजुमन पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्राध्यापक हैं। उन्हें कुछ पैसे की जरूरत थी। 19 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 के बीच उनके फेसबुक पर बजाज फाइनेंस कंपनी का पर्सनल लोन के बारे में विज्ञापन दिखा। पैसे की जरूरत थी, इसलिए उस विज्ञापन को देखने के बाद दी गई लिंक पर क्लिक किया। लिंक खुलने के बाद प्रा. प्रशांत बोकाडे ने उस लिंक पर दिए गए फार्म में जानकारी भरकर अपलोड की।

जानकारी अपलोड करते ही आया फोन

जानकारी अपलोड करने के बाद प्रशांत को एक व्यक्ति ने फोन किया। फोन करने वाले व्यक्ति ने प्रशांत को बताया कि, उसका नाम अजय प्रेमचंद कुमार है और बजाज फाइनेंस कंपनी का एक्जीक्यूटिव अधिकारी है। अजय प्रेमचंद कुमार ने प्रशांत से उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड व बैंक पासबुक की फोटो मोबाइल के वॉट्सएप पर मांगी और प्रशांत से प्रोसेसिंग फी के नाम पर बैंक आॅफ बड़ौदा का खाता नंबर देकर 4,550 रुपए जमा करवा लिए। इसके बाद प्रशांत को आरोपी ने फोन कर टीडीएस, जीएसटी चार्ज के नाम पर करीब 1 लाख 50 हजार रुपए जमा करवाए।

अलग-अलग कारण बताकर ऐंठा पैसा

साइबर आरोपी ने अलग-अलग कारण बताकर समय-समय पर चालान भरने का बहाना कर और पैसे की मांग की। प्रशांत ने पर्सनल लोन के चक्कर में कुछ परिचितों से पैसे लेकर करीब 5 लाख 11 हजार 889 रुपए दिए। यह रकम लेने के बाद आरोपी ने प्रशांत को आरबीआई द्वारा उसके पर्सनल लोन को होल्ड करने की जानकारी देकर आरबीआई का एक लेटर मैनेजर के नाम पर भेजा और पैसे की मांग करने लगा।

आरबीआई मैनेजर के नाम से भेजा पत्र

प्रशांत ने आरबीआई के उस पत्र के बारे में अपने परिचितों से चर्चा की, तब उन्होंने प्रशांत से कहा कि, आरबीआई में मैनेजर की पोस्ट नहीं होती है। इसके बाद प्रशांत को समझ में आ गया कि, साइबर आरोपी ने उसे 5 लाख 11 हजार 889 रुपए से ठग लिया है। जब प्रशांत ने आरोपी से पैसे वापस मांगे, तो उसने फोन बंद कर दिया, तब प्रशांत ने बेलतरोड़ी थाने में जाकर शिकायत की। इस मामले में एक माह जांच-पड़ताल के बाद बेलतरोड़ी पुलिस ने साइबर अपराधी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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