समारोह: शरीर के दूसरे अंगों की तरह मस्तिष्क का पोषण भी जरूरी : पद्मश्री डॉ. मेश्राम
- दंत महाविद्यालय में दंत शिक्षा व अनुसंधान पर परिषद
- मुख स्वास्थ्य की देखभाल बराबर होगी, तो मस्तिष्क भी रहेगा स्वस्थ
- पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित होने के बाद नागपुर में पहला प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, नागपुर । स्वस्थ जीवन के लिए शरीर के अन्य अंगों की तरह मस्तिष्क का पोषण करना भी जरूरी है, लेकिन कई बार इस ओर अनदेखी की जाती है। मुख स्वास्थ्य की देखभाल बराबर होगी, तो मस्तिष्क भी स्वस्थ रहेगा। ऐसा वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने कहा। पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित होने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था।
ज्यादा नमक और शक्कर से नुकसान : नागपुर के शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (डेंटल) और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को महाविद्यालय में मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। दंत शिक्षा व अनुसंधान परिषद नामक कार्यक्रम में डॉ. मेश्राम प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. मेश्राम ने कहा कि अधिक मात्रा में शक्कर व नमक खाने से मुख स्वास्थ्य की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह दोनों पदार्थ मस्तिष्क के लिए भी समस्या पैदा करते हैं। भूख न लगने पर भी खाते रहने से मुख व मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाते हैं। दंत चिकित्सकों की जागरूकता महत्वपूर्ण होती है।
निधि के लिए प्रस्ताव भेजा गया है : डॉ. पाखमोडे ने कहा कि विद्याथिर्यों को अनुसंधान करने के लिए अलग से निधि दी जाती है, लेकिन प्राध्यापक व अधिष्ठाता को निधि नहीं दी जाती, इसलिए प्राध्यापकों व अधिष्ठाताओं को उनके स्तर पर अनुसंधान करने निधि उपलब्ध करा देने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान संचालनालय को भेजा गया है। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा व संशोधन विभाग (दंत) के सह संचालक डॉ. विवेक पाखमोडे, विभाग के सह संचालक डॉ. मिलिंद फुलपाटील, मुंबई दंत महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. वसुंधरा भड, औरंगाबाद की अधिष्ठाता डॉ. माया इंदुरकर, परिषद के आयोजक अध्यक्ष व नागपुर के अधिष्ठाता डॉ. अभय दातारकर, आयोजन सचिव डॉ. रितेश कलसकर व परिषद के वैज्ञानिक प्रभारी डॉ. ज्योति मनचंदा उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. मेश्राम को स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया। संचालन डॉ. शोभा हेडगे ने किया। डॉ. अरुण खलीकर, डॉ. अशिता कलसकर, डॉ. मंजूषा वराडपांडे, डॉ. सुलभा रडके, डॉ. वैभव कारेमोरे, डॉ. सचिन खत्री समेत बड़ी संख्या में डाक्टर वर्ग व विद्यार्थी उपस्थित थे।