नागपुर: कानून व्यवस्था पर होगा पत्रक तैयार, फडणवीस के विरोध में प्रचार करेगी कांग्रेस

  • कानून व्यवस्था को फोकस करने का विचार
  • समन्वय का प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-12 12:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही कांग्रेस ने राज्य में जिला स्तर पर कानून व्यवस्था को लेकर चुनावी पत्रक तैयार करने का निर्णय लिया है। नागपुर में घटित आपराधिक मामलों को लेकर गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विरोध में प्रचार की उपाययोजना पर विचार किया जा रहा है। 16 व 17 फरवरी को लोणावाला में कांग्रेस की चुनाव संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला होगी।

कानून व्यवस्था को फोकस करने का विचार

खबर है कि उस कार्यशाला अर्थात शिविर में वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में जिला स्तर पर चुनाव कार्य की रणनीति तय होगी। रविवार को मुंबई में हुई कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में शामिल नागपुर एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार कानून व्यवस्था को ही मुख्य तौर से फोकस करने का विचार चल रहा है।

नहीं हो रहे अपराध कम

नागपुर में अक्सर हत्या व हमलों की वारदातें होते रहती हैं। फरवरी माह के एक सप्ताह में ही यहां दो बार दोहरा हत्याकांड हुआ है। इससे पहले भी गंभीर अपराध हुए हैं। इन मामलों को लेकर विधानमंडल में आवाज उठाई जाती रही है। लेकिन फडणवीस यह कहकर बचाव करते रहे हैं कि अपराध मामले में बदनाम होने से नागपुर में औद्योगिक निवेश कम होगा। ठाेस उपाययाेजना के दावों के बाद भी हत्या जैसे अपराध कम नहीं हो रहे हैं।

क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट

अपराध नियंत्रण संबंधी केंद्रीय एजेंसी एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी नागपुर व महाराष्ट्र को अपराध मामले में ठीक नहीं बताया गया है। आर्थिक अपराधों में भी कमी नहीं आ रही है। लिहाजा इन मामलों को लेकर भाजपा के विरोध में प्रचार किया जाएगा। कांग्रेस की बैठक में विजय वडेट्टीवार, शिवाजीराव मोघे, यशोमति ठाकुर, नाना गावंडे, अतुल लोंढे सहित अन्य पदाधिकारी थे।

समन्वय का प्रयास

कांग्रेस सूत्र के अनुसार चुनाव तैयारी के तहत मित्रदलों में समन्वय रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर समन्वय समिति बनाई जा रही है। इन समितियों में कांग्रेस के 2, राकांपा शरद पवार के 2 व शिववसेना उद्धव ठाकरे के 2 सदस्य शामिल किए जाएंगे। मित्रदलों को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते पाए गए कार्यकर्ता या पदाधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। चुनाव के समय संगठन में तोड़फोड़ की संभावना बढ़ जाती है। लिहाजा, असंतुष्ट नेता, पदाधिकारी की निगरानी भी बढ़ाई जाएगी।

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