चार दान करने से चार धाम का फल, होगा जीवन सफल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। चार दान करने से जीवन सफल होता है। इसलिए रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान, देहदान का संकल्प लेना चाहिए। जिस तरह चार धाम यात्रा करने से जीवन सफल होता है, वैसे ही चार दान से पुण्यलाभ मिलेगा। ऐसा कला मंच के संस्थापक नरेंद्र सतीजा ने कहा है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष नया साल आता है, तो हम कुछ नया संकल्प करते हैं। उन संकल्पों में चार दान को भी शामिल करने का आग्रह किया गया है। इसके लिए स्वयं को जागरुक कर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। मरणोपरांत मनुष्य जीवन मिट्टी मोल हो जाता है, लेकिन मरणोपरांत भी हम दुनिया को कुछ दे सकते हैं। सतीजा ने बताया कि मृत्यु के बाद हम नेत्रदान कर सकते हैं। इससे दृष्टिहीनों को दुनिया देखने का अवसर मिलेगा। उनके जीवन में रोशनी होगी। इसके अलावा ब्रेन डेड होने पर शरीर के अंगों का दान किया जा सकता है। इन अंगों से जरूरतमंदों को नया जीवन मिलता है। कम से कम पांच लोगों को जीवन दिया जा सकता है।
अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से होनी चाहिए : उन्होंने बताया कि रक्त किसी फैक्टरी में नहीं बनता। जब किसी को रक्त की आवश्यकता होती है, तब उसकी कीमत समझ में आती है। सरकारी अस्पतालों की ब्लड बैंकों में रक्त की किल्लत के चलते गरीब मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर रक्त खरीदकर जान बचाने की कवायद करनी पड़ती है। इसलिए हरेक ने जिम्मेदारी से रक्तदान करना चाहिए। एक मनुष्य ही दूसरे को रक्त दे सकता है। यह जीवन बचाने के लिए अहम है।
रक्तदान से कोई कमजोरी या बीमारी नहीं होती। बल्कि रक्तदान से शारीरिक व मानसिक रूप से अधिक स्वस्थ रहने में सहायता होती है। ऐसा भी सतीजा ने कहा है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया है नये साल में चार दान का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि अंगदान व देहदान करनेवालों की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान से होनी चाहिए। इसके लिए दूसरे राज्यों की तर्ज पर सरकार ने व्यवस्था करने की आवश्यकता है।