नागपुर: 1 जुलाई से जंगल सफारी बंद, वर्षाकाल के दौरान 3 माह तक पर्यटन पर ब्रेक

  • रोमांच देखते ही बनता है
  • बारिश में होते हैं जंगल विकास के काम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-23 11:34 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. बारिश में सुरक्षा की दृष्टि से लगभग सभी जंगलों में सफारी बंद कर दी जाती है। इस बार भी 30 जून तक ही सफारी का लुत्फ उठाने मिलेगा। फिर जुलाई की शुरूआत से सितंबर के आखिर तक जंगल सफारी बंद कर दी जाएगी। ऐसे में कुल 3 माह तक पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। विदर्भ में मुख्य रूप से पेंच व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड करांडला, बोर व्याघ्र प्रकल्प, नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प आदि का समावेश है।

रोमांच देखते ही बनता है : विदर्भ में कई जंगली क्षेत्र हैं, जिसमें पेंच व्याघ्र प्रकल्प, बोर व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड-पवनी करांडला अभयारण्य व टिपेश्वर अभयारण्य आदि का समावेश है। यहां हर वर्ष मुख्यत: ग्रीष्म में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। जंगल क्षेत्र का अनुभव व इनके बीच वन्यजीवों की उपस्थिति हर किसी के लिए रोमांच का कारण रहता है। ऑनलाइन बुकिंग कर देश भर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं व जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं। इस वर्ष भी काफी पर्यटक यहां पहुंचे।

इस कारण फैसला : जंगल की सैर करने के लिए बनीं सड़कें पूरी तरह से कच्ची यानी मिट्‌टी वाली होती है। ऐसे में बारिश के बाद यहां बहुत ज्यादा कीचड़ हो जाता है। परिणामस्वरूप जीप या अन्य वाहन फंस जाते हैं, जो पर्यटकों के लिए परेशानी के साथ असुरक्षित भी साबित होता है। इन बातों का ध्यान रखते हुए मानसून में इनकी सैर बंद की जाती है।

बारिश में होते हैं जंगल विकास के काम

बारिश में जंगलों के भीतर विकास कार्य किया जाता है, जिसमें जंगलों के खाली जगहों पर पौधारोपण किया जाता है। बहुत ज्यादा बढ़ी घास को काटा जाता है। इसके अलावा बारिश का मौसम वन्यजीवों का कुनबा बढ़ाने के लिए भी मुख्य होता है।

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