पारशिवनी: दहशत का कारण बना था, आखिरकार नयाकुंड शिवार में पकड़ा ही गया बाघ

  • नयाकुंड शिवार में पकड़ाया बाघ
  • काफी दिनो से थी दहशत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-13 13:20 GMT

डिजिटल डेस्क, पारशिवनी. तहसील के चिचभुवन, पालोरा, नयाकुंड, माहुली, कालापाठा, मेहंदी, उमरी, पाली आदि क्षेत्र में दहशत का कारण बना बाघ आखिरकार रविवार को दोपहर करीब 3.45 बजे के बीच नयाकुंड शिवार में पकड़ा गया। गत एक माह से क्षेत्र के खेत परिसर व गांव में इस बाघ की चहलकदमी बढ़ती जा रही थी। अनेक किसानों व पशुपालकों के पालतू पशुओं को वह शिकार बना चुका है, इसलिए भय का माहौल बना हुआ था।

ऐसे पहुंचा भीमभट्टा इलाके में

एक किसान की गौशाला में पशुओं पर बढ़ते हमले के बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बाघ को भगाने की पहल शुरू की। पश्चात बाघ ने अपना रुख पेंच नदी के किनारे पालोरा और नयाकुंड गांव की ओर कर लिया था। नदी क्षेत्र में कोई शिकार नहीं होने के कारण गुरुवार सुबह बाघ पलोरा गांव में घुस गया और खूंटे से बंधी एक गाय को करीब 500 मीटर दूर एक नाले के पास ले जाकर अपना शिकार बनाया। सुबह करीब 6.30 बजे बाघ नजर आया, तो करीब 300 नागरिकों ने उसे खदेड़ा। इसके बाद वह नदी पार कर नयाकुंड के भीमभट्टा इलाके में चला गया।

20 दिन से टीम तैयार थी

बाघ को पकड़ने के लिए 20 दिन से नेशनल टाइगर कमेटी की टीम पारशिवनी में तैनात थी। वन विभाग को भी बाघ को पकड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लोकेशन पता करने पाराशिवनी वन विभाग की एक टीम डटी रही। साथ ही चार जिले के करीब 150 कर्मचारियों व अधिकारियों की टीम तैयार कर पारशिवनी भेजी गई। आखिरकार रविवार को दोपहर में बाघ के नयाकुंड शिवार में होने का पता चला।

200 मीटर चलने के बाद हुआ बेहोश

पुष्टि होते ही वनविभाग ने समीपस्थ क्षेत्र में पिंजरा लगाया। डॉट मारने के बाद करीब 200 मीटर चलकर बाघ बेहोश हो गया। पश्चात बाघ को कैद कर नागपुर के गोरेवाड़ा स्थित टीसीटी में भेजा गया। मुख्य वन संरक्षक के. लक्ष्मी, उप वन संरक्षक भरतसिंह हाड़ा, सहायक वन संरक्षक हरवीर सिंह, कोड़ापे, चांदेवार, वन रेंज अधिकारी अनिल भगत, क्षेत्र सहायक वाडई, चौरे, संरक्षक स्वप्निल डोंगरे, प्रवीण पिलारे, उमेश बावने आदि ने प्रयास किया।

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