नागपुर: एक घंटे तक आई झमाझम बारिश, आंधी के साथ गिरे ओले - कई स्थानों पर पेड़ धराशाई
- कई इलाके अंधेरे में डूबे
- 19 मार्च तक रेड अलर्ट
- किसानों पर फिर आई आफत
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मध्य भारत में बनी द्रोणिका का शनिवार को नागपुर जिले में जबर्दस्त असर दिखाई दिया। एक घंटे तक हुई बारिश ने नागपुर को धो डाला। तेज हवा व बारिश के साथ की जगह ओले गिरे। तेज बारिश के बाद मौसम तो सुहाना हो गया, लेकिन जगह-जगह पेड़ व बिजली के तार टूटने से शहर के कई हिस्सों में रात तक अंधेरा छाया रहा। दमकल की टीमें देर रात तक राहत व बचाव कार्य में लगी रहीं। 11 फरवरी को हुई बेमौसम बारिश के दर्द से किसान बाहर निकलते इसके पूर्व ही 16 मार्च को किसानों पर फिर आफत आ गई। तेज हवा व बारिश के साथ पड़े ओले से फसल को भारी नुकसान हुआ। आम, संतरा, गेहूं, चना की फसल बुरी तरह प्रभावित हो गई। 11 फरवरी को जो आफत आई थी, उसका मुआवजा पूरी तरह नहीं मिल सका है। ओलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। 19 मार्च तक बारिश की स्थिति बनने पर समस्या विकराल बन सकती है। किसानों का गुस्सा फूट सकता है।
19 मार्च तक रेड अलर्ट : मध्य भारत में बनी द्रोणिका का असर 19 मार्च की रात तक दिखाई देगा। नागपुर व आसपास के जिले में 19 मार्च तक बारिश का रेड अलर्ट बताया गया है। नागपुर शहर में महज एक घंटे की बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। सड़कों पर भारी जाम लग गया था। जाम की यह स्थिति शहर के कई हिस्सों में देखी गई। पेड़ बिजली के तारों व खंभों पर गिरे। बिजली के तार टूटकर गिरने से कई इलाकों में अंधेरा छा गया। वहीं भारी भरकम पेड़ों के गिरने से कई खंभे टेढ़े-मेढ़े हो गए। कई जगह दीवारें गिर गईं। सदर मंगलवारी जोन के तहत गोवा कालनी में एक मकान की दीवार टूट गई। घर का नुकसान हुआ। इसीतरह गोधनी रेलवे गजानन नगर में एक मकान की छत गिर गई। परिजन बाल-बाल बच गए। दमकल कर्मी देर रात तक राहत व बचाव कार्य में लगे हुए थे।
किसानों पर फिर आई आफत
11 फरवरी को हुई बेमौसम बारिश के दर्द से किसान बाहर निकलते इसके पूर्व ही 16 मार्च को किसानों पर फिर आफत आ गई। तेज हवा व बारिश के साथ पड़े आेले से फसल को भारी नुकसान हुआ। आम, संतरा, गेहूं, चना की फसल बुरी तरह प्रभावित हो गई। 11 फरवरी को जो आफत आई थी, उसका मुआवजा पूरी तरह नहीं मिल सका है। आेलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। 19 मार्च तक बारिश की स्थिति बनने पर समस्या विकराल बन सकती है। किसानों का गुस्सा फूट सकता है।
विद्युत आपूर्ति में बाधा
इधर शहर के कई हिस्सों में अंधेरा होने की शिकायतें बिजली विभाग को मिली। बिजली विभाग के अभियंता व कर्मचारी रात तक मौके पर डटे हुए थे। कोई दुर्घटना न हो, इसलिए विद्युत विभाग ने जिन-जिन इलाकों में बिजली के तार गिरे आैर खंभे टेढ़े हुए वहां की बिजली सप्लाई बंद कर दी। रात तक मरम्मत का कार्य चला। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद बिजली आपूर्ति पूर्ववत की जा रही थी। महावितरण के गांधीबाग, महाल, सिविल लाइन्स व कांग्रेस नगर के कार्यकारी अभियंता खुद मौके पर देर रात तक डटे हुए थे।